
बदलते वक्त के साथ इंसान भी बदल सा गया है । जैसे जैसे देश दुनिया आधुनिकता अपना रही है । वैसे वैसे इंसान अन्य प्राणियों और स्वयं इंसान से दूर होता जा रहा है । इंसान की सोच कुछ यूं हो चली है कि जो मैं कर रहा हूँ । बस वही सही है । अन्य इंसान में वह कमी ही आंकता है । आप सोच रहे होंगे कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ । लेकिन इस बात पर आप स्वयं एक बार विचार करेंगे तो जानेंगे कि यह कड़वा है । लेकिन सच है । नई पीढ़ी के लोग खुद में सिमट से गए हैं । जो सिर्फ स्वयं के बारे में सोचने पर विवश हो चले हैं । वहीं दूसरी ओर, यदि विश्वास की बात करें तो इंसान की सोच यहाँ आकर पूरी तरह उलट जाती है । अंजान इंसान पर विश्वास करने को इंसान मजबूर है । लेकिन अपने रिश्तेदार या मित्र पर भरोसा करने से पहले वह सौ बार सोचता है । हैरत की बात है कि उसने मजबूरी का तानाबाना इस कदर बुन रखा है कि अपनों के साथ रहने के बाद भी वह उनसे मीलों दूर है ।
इसे हम एक अजीब लेकिन चकित कर देने वाले उदाहरण से समझते हैं । जब भी कोई सेलिब्रिटी किसी प्रोडक्ट या सर्विस को प्रमोट करता है । तो लोग इसे खरीदने के लिए बेहद उत्सुक रहते हैं । लेकिन जब हमारा कोई रिश्तेदार या दोस्त नया बिजनेस स्टार्ट करता है तो उसके प्रोडक्ट या सर्विस लेने में हम न जाने कितनी बार सोचते हैं । उस पर रिसर्च करते हैं । उसे जज करते हैं और आखिर में यह कह कर प्रोडक्ट नहीं लेते कि यह बहुत महंगा है या इसकी सर्विस अच्छी नहीं है ।
मैं यहाँ एक सवाल पूछना चाहता हूँ कि जिन लोगों से हम कभी मिले नहीं हैं । जिन्हें हम ठीक से जानते तक नहीं हैं । जो पहले से ही सुख-सुविधाओं से समृद्ध जीवन जी रहे हैं । उन पर हम आँख बंद करके विश्वास कर लेते हैं । इसके विपरीत हमारे ही समान सादी जिंदगी जीने वाले या यूं कह लें कि हमारे अपनों का ही साथ न देने के लिए हमारे पास लाखों कारण होते हैं ।
दरअसल ये कारण नहीं हैं, महज बहाने हैं, जी हाँ !
सिर्फ बहाने ।
क्यों हम खुद से नहीं पूछते हैं कि ये हम क्या कर रहे हैं ? हम क्यों नहीं समझते हैं कि हम अपनों को ही पीछे की ओर धकेल रहे हैं । हम कैसे किसी अंजान पर अपनों से ज्यादा विश्वास कर सकते हैं ?
क्यों यह विश्वास हम अपनों के प्रति नहीं बना पाते ?
अपने दरमियान एक बार जरूर झांके और स्वयं से ये सभी सवाल जरूर करें ।
प्रधानमंत्री द्वारा चलाया गया वोकल फॉर लोकल अभियान इन सवालों के सारे जवाब समाहित किए हुए है । तो क्यों न हम इस पहल को ही बढ़ावा देकर अपनों के लिए कुछ अच्छा करें । जब कोई नया काम शुरू करता है, तो हजारों सपने बुनता है,अपनों से मिला स्नेह काम करने की ललक को दोगुना कर देता है । यही वह समय होता है जब आपका साथ उनकी हिम्मत बढ़ाने का काम करता है और उन्हें नई ऊंचाइयों को छूने की राह मिलती है । भले ही आपको उस प्रोडक्ट या सर्विस की मौजूदा समय में जरुरत नहीं है । लेकिन आप उसे अन्य लोगों तक पहुंचाकर भी उसे सहयोग कर सकते हैं । इसलिए जब भी आपका कोई रिश्तेदार या मित्र अपने बिजनेस के बारे में पोस्ट करता है तो उसे लाइक ,शेयर और कमेंट करना न भूलें । उन्हें और उनके एफर्ट्स को इनकरेज करें, उनकी इस यात्रा का हिस्सा बनें और उन्हें प्रमोट करें ।