
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का तीसरा दिन है और रूस की ओर से हमले और तेज़ हो गए हैं ।
रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीएव के बेहद नज़दीक पहुंच चुकी है और इसी के तहत कीएव के मेयर ने सोमवार तक के लिए कर्फ्यू की घोषणा कर दी है ।
एक ओर जहां वैश्विक स्तर पर ज़्यादातर देश रूस के इस क़दम की आलोचना कर रहे हैं वहीं कुछ देश रूस के इस क़दम पर उसके साथ भी हैं । यही हाल रूस में भी है । एक ओर जहां कुछ लोगों ने राष्ट्रपति पुतिन के इस क़दम को आत्मरक्षा के तौर पर संबोधित किया है वहीं मॉस्को में इस हमले के ख़िलाफ़ कुछ लोग प्रदर्शन भी कर रहे हैं ।
पिछले हफ़्ते एक ऐसे ही प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से वह बेहद डरे हुए हैं ।
बीबीसी इस शख़्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनकी पहचान गुप्त रख रहा है । उन्होंने बीबीसी को बताया कि जब वे प्रदर्शन में शामिल हुए तो उन्हें इस बात का पूरा इल्म था कि उन्हें सरकार के क़दम का विरोध करने के लिए गिरफ़्तार किया जा सकता है ।
इस शख़्स ने कह कि मैं चाहता हूं कि पुतिन को किसी लोकतांत्रिक, कानूनी तरीक़े से उनके पद से हटा दिया जए ।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि रूस में शायद ही किसी ने सोचा था कि वे यूक्रेन पर इस तरह हमला कर देंगे ।
हालांकि उन्होंने देश पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों पर कहा कि इन प्रतिबंधों से धनी वर्ग कम और मध्यम वर्ग को अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा ।