
फतेहपुर । अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) फतेहपुर विनय कुमार पाठक ने बताया कि आग लगी के रोकथाम एवं बचाव हेतु क्या करें एवं क्या न करें ।
क्या करें:आग की स्थिति में टोल फ्री 101 नम्बर पर कॉल करें । इसके अतिरिक्त अपने करने/शहर के दमकल विभाग को भी सूचित करें । कम से कम दो सुरक्षित मार्गों का निर्धारण कर ले ताकि आग के दौरान इस मार्गों का प्रयोग किया जा सके । शांत रहे, धैर्य रखें व बिजली के उपकरणों को बिजली के सम्पर्क से हटा दें । कम तीव्रता वाली आग से निपटने के लिए पानी व रेत से भरी बाल्टियाँ,कम्बल आदि तैयार रखें । अगर कपड़ों में आग लगे तो उन्हें जमीन पर लेट कर बुझाने का प्रयास करें । अनियंत्रित आग के दौरान पीड़ित व्यक्ति को कम्बल में लपेटें जब तक आग बुझ ना जाए ।
क्या न करे:रसोई में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ न रखें जैसे-मिट्टी का तेल,सिंथेटिक कपड़े इत्यादि ।
ढीले और सिंथेटिक कपड़े न पहने । खाना बनाते समय बालों को खुला न रखें । घरेलू आगलगी के दौरान बचाव हेतु क्या करें और क्या न करें ?
क्या करें :रसोई घर को यथासंभव अग्निरोधक बनाने के लिए उसके चारों तरफ गीली मिट्टी का लेप लगा दें । फूस के घरों में भी मिट्टी का लेप लगाए । देहाती क्षेत्रों में खास कर फूस एवं खपरैल मकानों के निवासी खाना सुबह 8 बजे से पहले और शाम 6 से 8 बजे के बीच (सूर्यास्त से पूर्व) बना लें ।रसोई घर में जूट की बोरी या सूती कपड़े को भिगोकर रखें । घर में हमेशा अग्निशामक पदार्थ जैसे कि पानी,बालू,सूखी मिट्टी/धूल इत्यादि जमा कर रखें ।
संभव हो तो खाना बनाने वाले चूल्हे को चारों तरफ से घेर कर रखे । दीप लालटेन, ढीबरी आदि के प्रयोग में सावधानी बरतें । आग बुझाने के लिए पानी, बालू, और सूखी मिट्टी/धूल का प्रयोग करे । हरे पेड़ जैसे केला में अग्नि ताप को कम करने की क्षमता होती है । अतः इसे अपने घर के चारों ओर लगायें । सभी लोगों को प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए । सभी लोग आपातकालीन सेवा का फोन नंबर 101 अपने पास अवश्य रखें । किसी भी जलते पदार्थ को बुझा कर ही सोये ।
क्या न करें : तेज हवा में खुली जगह पर खाना न पकाए ।