
कानपुर : एक हालिया सर्वे ने खुलासा किया है कि कोविड के अनुभवों से गुजरे 84 फ़ीसदी मरीज मानसिक उलझन और मूड स्विंग के शिकार हैं और उनके तीमारदार भी अवसाद में आ चुके हैं । यह प्रवृत्ति आत्महनता हो जाए,इससे पहले ही उसे रोकना होगा उपरोक्त बात सोसायटी योग ज्योति इंडिया व उत्तर प्रदेश वैश्य व्यापारी महासभा के संयुक्त तत्वाधान में नशा हटाओ कोरोना मिटाओ हरियाली बढ़ाओ खुशियां फैलाओ अभियान के अंतर्गत आयोजित ई-मीटिंग विषय डर को डिप्रेशन में ना बदलने दिया जाए पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही,बाबा जी ने आगे बताया कि हर ओर फैली नकारात्मकता के इस युग में खुश रहने के नए नए बहाने ढूंढने होंगे,ध्यान रखिए,कोरोना की सबसे बड़ी दवा इम्यूनिटी ही है और उसका ऑक्सीजन है खुशी,जीवन है तो आशा है और आशा है तो जीवन के लिए उम्मीद कोरोना तो बस एक स्पीड ब्रेकर है इतनी बदतर हालत में भी जिंदगी फिर मुस्कुराएगी यह विश्वास हम सबके मन में होना चाहिए ।
प्रदेश अध्यक्ष सत्य प्रकाश गुलहरे ने कहा की दुनिया में ऐसे करोड़ों लोग हैं । जो कोरोना काल में दूसरों के काम आने को ही असली खुशी मानते हैं ।
सोशल एक्टिविस्ट गीता पाल ने कहा कि कोरोना काल में महिलाओं की मजबूत इच्छाशक्ति मिसाल के तौर पर सामने आ रही है । तमाम बंदिशों और समस्याओं के बावजूद उन्होंने खुश रहकर परिवार के हर सदस्य का संबल बढ़ाया है ।रविशंकर हवेलकर सदस्य उत्तर प्रदेश राज्य सलाहकार समिति ने कहा कि किसी भी सूरत में डर को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना है । जब भी यह डर हावी होने लगे तो करोना से जूझ रहे ऐसे लोगों के बारे में सोचिए जो अपनी जिजीविषा और संकल्प शक्ति के बल पर कोरोना को धता बताकर सामने दिखती मौत को मात देकर आए हैं ।
मीटिंग की अध्यक्षता प्रदेश संगठन मंत्री अनूप अग्रवाल व धन्यवाद महामंत्री गणेश गुप्ता ने दिया ।