
दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के ‘धर्म परिवर्तन संबंधी’ कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर विवाद हो गया है । ये कार्यक्रम पांच अक्टूबर को अशोक विजयदशमी पर दिल्ली में आयोजित किया गया था ।
समाज कल्याण मंत्री और सीमापुरी से आम आदमी पार्टी के विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने ट्वीट करके बताया था कि वो एक कार्यक्रम में शामिल हुए जिसमें करीब 10 हज़ार लोगों को बौद्ध धर्म स्वीकार कराया गया है ।
चलो बुद्ध की ओर मिशन जय भीम बुलाता है।
आज "मिशन जय भीम" के तत्वाधान में अशोका विजयदशमी पर डॉ०अंबेडकर भवन रानी झांसी रोड पर 10,000 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने तथागत गौतम बुद्ध के धम्म में घर वापसी कर जाति विहीन व छुआछूत मुक्त भारत बनाने की शपथ ली।
नमो बुद्धाय, जय भीम! pic.twitter.com/sKtxzVRYJt
— Rajendra Pal Gautam (@AdvRajendraPal) October 5, 2022
उन्होंने ट्वीट किया,
“चलो बुद्ध की ओर मिशन जय भीम बुलाता है ।
आज “मिशन जय भीम” के तत्वाधान में अशोका विजयदशमी पर डॉ. आंबेडकर भवन रानी झांसी रोड पर 10,000 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने तथागत गौतम बुद्ध के धम्म में घर वापसी कर जाति विहीन व छुआछूत मुक़्त भारत बनाने की शपथ ली ।”
लेकिन, बीजेपी का आरोप है कि इस कार्यक्रम के दौरान राजेंद्र पाल गौतम ने हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया है । उन्होंने आम आदमी पार्टी को हिंदू विरोध बताया । जबकि राजेंद्र पाल गौतम ने इन आरोपों से इनकार किया है ।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कार्यक्रम का एक ट्वीट करते हुए लिखा,
“एक बार फिर आप का हिंदू विरोधी चेहरा बेनकाब..
अरविंद केजरीवाल के मंत्री लोगों से शपथ दिलवा रहे हैं कि मैं किसी ब्रह्मा,विष्णु,महेश को नहीं मानूंगा ! तो फिर चुनाव के दौरान मंदिरों में क्या दर्शाने के लिए जाते हो ?
क्या हिंदू धर्म इतना चुभता है आप की आंखों में ?
इतनी नफरत क्यों ?”
इस वीडियो में दिख रहा है कि कई लोगों की भीड़ है जिसमें मंच से भगवा कपड़ों में एक शख़्स बोलते हुए नज़र आ रहे हैं । वो जो बोल रहे हैं उसे लोग हाथ उठकार दोहरा रहे हैं ।
इस वीडियो में कहा जा रहा है,
“मैं ब्रह्मा,विष्णु,महेश को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा, ना ही उनकी पूजा करूंगा । मैं राम और कृष्ण को ईश्वर नहीं मानूंगा और ना ही कभी उनकी पूजा करूंगा । मैं गौरी गणपति आदि हिंदू धर्म के किसी देवी-देवताओं को नहीं मानूंगा और ना ही उनकी पूजा करूंगा ।”
एक बार फिर AAP का हिंदू विरोधी चेहरा बेनकाब..@ArvindKejriwal के मंत्री लोगों से शपथ दिलवा रहे हैं कि मैं किसी ब्रह्मा, विष्णु, महेश को नहीं मानूंगा!
तो फिर चुनाव के दौरान मंदिरों में क्या दर्शाने के लिए जाते हो?
क्या हिंदू धर्म इतना चुभता है AAP की आंखों में? इतनी नफरत क्यों? pic.twitter.com/beQeYR4LUA
— Adesh Gupta (Modi Ka Parivar) (@adeshguptabjp) October 7, 2022
इस पर आदेश गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा,
“अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री का बहुत ही नफ़रत फ़ैलाने वाला बयान है । जिस तरह उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं के प्रति अपमान का भाव दिखाया है और जिस तरह से नफ़रत फ़ैलाने वाला काम किया है वो सिर्फ़ निंदा योग्य ही नहीं बल्कि उन्हें इसके लिए सजा मिलनी चाहिए । आम आदमी पार्टी का इतिहास रहा है कि इन्होंने नफ़रत फ़ैलाकर और हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करके राजनीतिक रोटियां सेकी हैं ।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले भी मंदिर बनाने का विरोध कर चुके हैं ।
केजरीवाल का मंत्री दिल्ली में हिंदुओं को, हिंदू देवी देवताओं को गाली दे रहा है और केजरीवाल गुजरात में जय श्री कृष्णा बोलने का ढोंग कर रहा है
मुफ़्त का सामान देकर गरीब हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने वाली एजेन्सी बन गयी हैं आम आदमी पार्टी pic.twitter.com/sxf1H5ACfI
— Kapil Mishra (Modi Ka Pariwar) (@KapilMishra_IND) October 7, 2022
वहीं,
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया,
“केजरीवाल का मंत्री दिल्ली में हिंदुओं को,हिंदू देवी देवताओं को गाली दे रहा है और केजरीवाल गुजरात में जय श्री कृष्णा बोलने का ढोंग कर रहा है । मुफ़्त का सामान देकर गरीब हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने वाली एजेन्सी बन गयी है आम आदमी पार्टी ।”
अपने ऊपर लगे आरोपों पर राजेंद्र पाल गौतम ने एक समाचार चैनल से कहा,
”बाबा साहेब आंबेडकर जी ने अपने पूरे जीवन में अपमान सहा और आख़िर में संकल्प किया कि मैं ऐसी सामाजिक व्यवस्था में नहीं बना रहूंगा जिसमें मैं पैदा हुआ हूं, जिसमें कोई जन्म से ऊंच-नीच है । इसके बाद हैदराबाद के निजाम ने उन्हें करोड़ों रुपये देकर इस्लाम अपनाने का ऑफ़र दिया । लेकिन, उन्होंने अंत में बौद्ध धर्म की शिक्षा ली । उन्होंने संज्ञान लिया कि मैं भारत को प्रबुद्ध भारत बनाऊंगा । जहां लोग छुछाछूत से दूर हो जाएं और मानवता को अपना धर्म मानें ।”
उन्होंने कहा,
“हम सभी धर्मों का आदर सत्कार करते हैं, सबकी आस्था की इज्जत करते हैं क्योंकि बाबा साहेब तो खुद संविधान में अधिकार देकर गए कि सभी को अपने धर्म की उपासना की स्वतंत्रता है ।”