
चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) के रूप में मान्यता दे दी है ।
आयोग ने साथ ही चुनाव चिह्न के रूप उद्धव ठाकरे गुट को मशाल दी है ।
आयोग ने कहा कि मशाल चुनाव चिन्ह समता पार्टी का चिह्न था और इसे आयोग ने 2004 में क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता दी थी । इस चिह्न का इस्तेमाल उपचुनाव में किया जा सकता है ।
शिंदे गुट को क्या मिला
शिंदे गुट को चुनाव आयोग ने ‘बालासाहेबांचीशिवसेना’के नाम के साथ मान्यता दी है ।
आयोग ने शिंदे गुट से कहा कि वो अपने चुनाव चिह्न के लिए तीन नए विकल्पों की नई सूची दें ।
शिंदे गुट ने अपने लिए चुनाव चिह्न के रूप में त्रिशूल, उगता सूरज और गदा का प्रस्ताव दिया था, जिसे आयोग ने अस्वीकार कर दिया है ।
शिंदे गुट ने चुनाव आयोग से पहले नंबर पर त्रिशूल, दूसरे नंबर पर उगता सूरज और तीसरे नंबर पर मशाल चुनाव चिन्ह की मांग की थी ।
चुनाव आयोग ने त्रिशूल चिन्ह को ये कहते हुए मना कर दिया कि इस शब्द के साथ धार्मिक अर्थ जुड़े हुए हैं ।
उगता सूरज लेकर चुनाव आयोग ने कहा कि ये चिन्ह पहले से तमिलनाडु की द्रविड़ मुनेत्र कजगम पार्टी के पास है ।
वहीं गदा को लेकर भी चुनाव आयोग ने कहा कि इस शब्द के भी धार्मिक अर्थ हैं जिसके चलते ये भी चुनाव चिन्ह के रूप में नहीं दिया जा सकता है ।