
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि भारत को मानवाधिकारों के सम्मान के प्रति मज़बूत प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि अपने यहां ऐसा कर ही दुनियाभर में भारत की बात को स्वीकार्यता और विश्वसनीयता हासिल हो सकती है ।
गुटेरेस ने आईआईटी बॉम्बे के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा,
“मानवाधिकार परिषद का एक निर्वाचति सदस्य होने के नाते भारत पर वैश्विक मानवाधिकारों को आकार देने और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों समेत सभी व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करने और इन्हें बढ़ावा देने की ज़िम्मेदारी है ।”
उन्होंने कहा,
“बहुलता का भारतीय मॉडल एक सरल लेकिन गहरी समझ पर आधारित है । विविधता एक ऐसी खूबी है ।जो आपके देश को मज़बूत बनाती है । यह समझ रखना हर भारतीय का जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है । इसे हर दिन पर दिन बेहतर और मज़बूत बनाना चाहिए ।”
India’s voice on global stage can only gain in authority and credibility from a strong commitment to inclusivity and respect for human rights at home: UN Secretary General Antonio Guterres
— Press Trust of India (@PTI_News) October 19, 2022
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के मूल्यों को अपनाकर,सभी लोगों विशेष रूप से सबसे कमज़ोर वर्ग के अधिकारों तथा सम्मान को सुरक्षित रखकर,समावेश के लिए ठोस कदम उठा कर,बहु-सांस्कृतिक,बहु-धार्मिक और बहु-जातीय समाजों के विशाल मूल्य और योगदान को पहचान कर,और अभद्र बयानबाज़ी की निंदा करके ऐसा किया जा सकता है ।
गुटेरेस ने पत्रकारों,मानवाधिकार कार्यकर्ताओं,छात्रों और शिक्षा विदों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करने और भारत की न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया ।
उन्होंने कहा,
“पूरी दुनिया की तरह भारत में लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए बहुत कुछ करने की ज़रूरत है । यह नैतिक रूप से अनिवार्य है । महिलाओं,पुरुषों,लड़कियों और लड़कों के लिए समान अधिकारों और आज़ादी के बिना कोई भी समाज पूरी तरह समृद्ध नहीं हो सकता ।”