
केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को राहत देते हुए उन्हें उनके पद पर बने रहने का अंतरिम आदेश दिया है ।
हाईकोर्ट ने कहा है कि ये सभी कुलपति तब तक अपने पद पर बने रह सकते हैं, जब तक कि इन विश्वविद्यालयों के चांसलर (राज्यपाल) ‘कारण बताओ नोटिस’ देने के बाद अंतिम आदेश नहीं दे देते ।
इससे पहले सोमवार को सभी 9 कुलपतियों ने राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के निर्देश के बाद भी इस्तीफ़ा देने से इनकार कर दिया । राज्यपाल का निर्देश था कि ये सभी सुबह 11.30 बजे तक अपना इस्तीफ़ा दे दें ।
उसके बाद राज्यपाल ने इन सभी को आज ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया है । इसके बाद कुलपतियों ने सोमवार को ही हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया ।
इसके बाद हाईकोर्ट ने इस याचिका पर तुरंत सुनवाई करने का फ़ैसला किया और शाम 4 बजे का वक़्त दिया । जस्टिस देवन रामचंद्रन ने इस मामले की सुनवाई की ।
उन्होंने कहा कि इस मामले से जुड़े अन्य मसलों पर बाद में सुनवाई की जाएगी । उन्होंने यह भी कहा कि चांसलर के अधिकार जैसे मसले भी आगे तय किए जाएंगे ।
पी विजयन ने की राज्यपाल की आलोचना
इससे पहले, राज्य के मुख्यमंत्री पी विजयन ने भी राज्यपाल पर इन विश्वविद्यालयों को बर्बाद करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए इन कुलपतियों का अपना समर्थन दिया ।
सीएम विजयन ने कहा है कि विश्वविद्यालयों के चांसलर होने की हैसियत से राज्यपाल के पास कुलपतियों का इस्तीफ़ा मांगने का कोई अधिकार नहीं है ।
उन्होंने कुलपतियों से इस्तीफ़ा मांगने वाले इस क़दम को ‘असामान्य’ क़रार दिया है ।
इससे पहले अंग्रेज़ी दैनिक ‘द हिंदू’ में छपी एक ख़बर के अनुसार, राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति में यूजीसी के नियमों की अनदेखी किए जाने का आरोप लगाते हुए नौ कुलपतियों से सोमवार सुबह 11.30 बजे तक इस्तीफ़ा देने का निर्देश दिया है ।