
फतेहपुर । बड़ी धूमधाम से गुरुद्वारा सिंह सभा मे लोहड़ी का पर्व मनाया गया । ज्ञानी परमजीत सिंह जी ने बताया कि लोहड़ी पौष माह की अंतिम रात को एवम मकर संक्राति की सुबह तक मनाया जाता हैं यह प्रति वर्ष मनाया जाता हैं । यह त्यौहार भारत देश की शान हैं । पंजाब प्रान्त के मुख्य त्यौहारों में से एक हैं जिन्हें पंजाबी बड़े जोरो शोरो से मनाते हैं । लोहड़ी की धूम कई दिनों पहले से ही शुरू हो जाती हैं । मुख्यतः यह सभी त्यौहार परिवार जनों के साथ मिल जुल कर मनाये जाते हैं । लोहड़ी के पीछे एक एतहासिक कथा भी हैं जिसे दुल्ला भट्टी के नाम से जाना जाता हैं । यह कथा अकबर के शासनकाल की हैं । उन दिनों दुल्ला भट्टी पंजाब प्रान्त का सरदार था । इसे पंजाब का नायक कहा जाता था । उन दिनों संदलबार नामक एक जगह थी । जो अब पाकिस्तान का हिस्सा हैं । वहाँ लड़कियों की बाजारी होती थी । तब दुल्ला भट्टी ने इस का विरोध किया और लड़कियों को सम्मानपूर्वक बचाया और उनकी शादी करवाकर उन्हें सम्मानित जीवन दिया । इस विजय के दिन को लोहड़ी के गीतों में गाया जाता हैं और दुल्ला भट्टी को याद किया जाता हैं ।
इन्ही पौराणिक एवम एतिहासिक कारणों के चलते पंजाब प्रान्त में लोहड़ी का उत्सव उल्लास के साथ मनाया जाता हैं । यह सारा कार्यक्रम गुरुद्वारा सिंह सभा फतेहपुर के प्रधान पपिन्दर सिंह जी की अगुवाई में हुआ ।
गुरूद्वारा में लाभ सिंह,जतिंदर पाल सिंह,नरिंदर सिंह रिक्की, सरनपल सिंह,सतपाल सिंह,गोविंद सिंह,वरिंदर सिंह,कुलजीत सिंह,संत सिंह,गुरमीत सिंह,रिंकू,सोनी व महिलाओ हरविंदर कौर,मंजीत कौर,हरजीत कौर,जसवीर कौर,हरमीत कौर,प्रभ जीत कौर,ज्योति मालिक,गुरशरण कौर,ईशर कौर,रीता,इंदर जीत कौर,जसप्रीत कौर,तरनजीत कौर,नीना,खुशी,वीर सिंह, प्रभजस आदि भक्त जन उपस्थित रहे ।