
– आखिर क्यों जे के चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बच्चों की मौत का सिलसिला रहता है जारी ।
– जेके चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बच्चे को लगाते हैं ऐसा डोज कि ना बच्चा मर पाता है और ना सही हो पाता है और एक हफ्ते भर्ती के बाद कर देते हैं डिस्चार्ज- पीड़ित ।
– ₹80000 लेने के बाद परिजनों को सौंप दिया बच्चे का शव ।
फतेहपुर । उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने उत्तर प्रदेश में उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने अपना एक बड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के समस्त जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के समस्त जनपद में यदि प्राइवेट अस्पताल में भी किसी की मृत्यु होती है तो उसके बाद उसका सारा बिल माफ कर दिया जाएगा और उसके शव को उनके परिजनों को देने का काम किया जाएगा कोई भी प्राइवेट अस्पताल संचालक उनके परिजनों को परेशान नहीं करेगा । उनका यह बड़ा बयान भले ही अन्य जनपदों में लागू होता नजर आ रहा हूं ।
किंतु जनपद फतेहपुर में उनके बयान को हवा हवाई साबित करने में प्राइवेट नर्सिंग होम संचालक लगे हुए हैं ।
ताजा मामला आपको बताते हैं कि थाना मलवा अंतर्गत ग्राम कोराई निवासी अमरीश पुत्र राकेश कुमार दुबे जनपद के जिला अधिकारी पुलिस अधीक्षक से लेकर उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तक अपनी फरियाद लगाते हुए बताया कि पीड़ित का पुत्र मानवीक पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहा था जिसे पीड़ित ने जेके चिल्ड्रन हॉस्पिटल जेल रोड निकट तांबेश्वर मंदिर फतेहपुर में दिखाया था दिनांक 12 दिसंबर को पुत्र को भर्ती कराया था । वहां के डॉक्टर जेके उमराव ने पुत्र को भर्ती कर लिया और इलाज यह कहकर करते हुए कि पैसा आप लाइए और मैं 100% आपके बच्चे को ठीक कर दूंगा इस प्रकार पीड़ित बेबस और लाचार होकर डॉक्टर को भगवान मानकर इलाज करा पा रहा करीब ₹80000 डॉक्टर जे के उमराव ने दवा व खून चढ़ाने प्लेटलेट्स चढ़ाने आदि वा एनआईसीयू व पैथोलॉजी जांच के लिए कुछ रुपए ऑनलाइन पेटीएम के माध्यम से दूसरे के खाते में व नगद पैसा लिया तथा इलाज कराते रहें तथा पीड़ित व अन्य घरवालों को बच्चे से मिलने भी नहीं दिया गया ।
वही पीड़ित ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि 8 जनवरी को जब वह किसी तरह अपने बच्चे को देखने गया तो बच्चा आईसीयू में एकदम नीला पड़ा हुआ था । पीड़ित ने इस बात की शिकायत स्टॉप वह डॉक्टर जे के उमराव से किया तो उन्होंने अपने बाउंसर ओं के माध्यम से पीड़ित को डांट फटकार कर भगा दिया तथा कहा कि ₹20000 और जमा करो । हम बच्चे को ठीक कर देंगे ।
वही पीड़ित ने बताया कि दिनांक 10 जनवरी 2023 को सुबह 6: 00 बजे दूरभाष के माध्यम से उन्हें बच्चे की मृत्यु का पता चला और बच्चे की डेड बॉडी देने व अन्य चीजों के लिए ₹10000 पुनः नगद ले लिया तथा बच्चे के इलाज के सारे कागजात जबरन अपने पास रख लिया । इस प्रकार डॉक्टर जेके उमराव व उनके स्टाफ के घोर मिन्नतें करता रहा और डॉ० व उनके स्टाफ द्वारा उसका शव देकर उन्हें भगा दिया गया । डॉक्टर ने तीमारदार के साथ धोखाधड़ी में बेईमानी की अपने पद का दुरुपयोग किया गया ।
वही पीड़ित ने बताया कि वह जनपद के उच्च अधिकारियों से लेकर पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाता रहा कि उसके बच्चे का पोस्टमार्टम कराया जाए जिससे यह स्पष्ट हो सके कि आखिर मृत्यु का कारण क्या है कि उसके बच्चे की मृत्यु हो गई । बल्कि उसके बच्चे को मात्र जुकाम की शिकायत थी वही यह कोई नई बात नहीं है जेके चिल्ड्रन हॉस्पिटल में आए दिन बच्चों की मृत्यु का सिलसिला जारी रहता है और डॉक्टर व उनका स्टाफ मरीज व तीमारदारों की चमड़ी निकालने में कहीं भी पीछे नहीं हटते हैं परंतु कुछ सफेदपोश लोगों का संरक्षण प्राप्त होने से यह डॉक्टर अपने आप को बाहुबली समझता है और शासन प्रशासन को अपनी जेब में रखता है । वही पीड़ित द्वारा बराबर अधिकारियों से फरियाद लगाई जा रही है कि उसके बच्चे के शव को निकालकर पोस्टमार्टम किया जाए और ऐसे लापरवाह डॉक्टर के ऊपर कानूनी कार्यवाही करते हुए जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाए ।
