
– देवमई क्षेत्र समिति की बैठक में महिलाओं की संख्या नगण्य, सिर्फ 05 महिला प्रधान रही मौजूद ।
– विकास खंड में ग्राम पंचायत सदस्यों को छोड़ कर 60 ग्राम पंचायतों व 64 क्षेत्र समितियों में 36 महिला प्रतिनिधि ।
फतेहपुर । केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिला सशक्तिकरण वर्ष अभियान चलाया जा रहा है किंतु महिलाएं कितनी सशक्त हुई है और कितनी भागीदारी निभा रही हैं ?
यह एक चिंतनीय विषय है । प्रशासनिक एवं राजनीतिक में महिलाओं को भागीदार तो बनाया गया है । किन्तु आज भी पुरुषात्मक सत्ता से उबर नहीं पा रही हैं । इसकी बानगी पिछले दिन देवमई क्षेत्र समिति की बैठक में देखने को मिली । देवमई विकास खंड में 60 ग्राम पंचायतें हैं और क्षेत्र समिति में 64 सदस्य हैं । क्षेत्र समिति और ग्राम पंचायत में प्रधानों की संख्या मिलाकर 36 महिलाएं प्रतिनिधित्व कर रही है । इसके अलावा पंचायत सदस्यों में भी एक बड़ी संख्या महिलाओं की है । क्षेत्र समिति और ग्राम प्रधानों की ही बात की जाए कि कितनी महिलाएं पद के अनुरूप स्वयं में कार्य करने में सक्षम है । अंगुलियों पर गिना जा सकता है ।
बैठक में महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर नजर डाली गई तो पता चला कि मात्र 05 महिलाएं ही मौजूद दिखी । शेष महिला प्रतिनिधियों के पति या पुत्र ही भागीदारी करते दिखे । कुल मिलाकर देखा जाए तो आज भी महिलाओं को काम करने की आजादी नहीं मिली और पुरुषात्मक सत्ता काबिज है और उनके सारे निर्णय पति या पुत्र देते हैं । यह हालत फतेहपुर जनपद ही नहीं पूरे हिन्दुस्तान का है जहां महिला प्रतिनिधियों को काम करने की आजादी नहीं है ।