
– आसिया फारूकी से प्रेरणा लेकर कुछ सीखना चाहिए और अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से करना चाहिए – बीएसए पंकज यादव
फतेहपुर । शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, देश भर से कुल 75 शिक्षकों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है । वही 5 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया गया । चयनित पुरस्कार विजेताओं में 50 स्कूल शिक्षक, उच्च शिक्षा संस्थानों के 13 शिक्षक और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के 12 शिक्षक शामिल रहे ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के विजेताओं से बातचीत की और यूथ ब्रेन को आकार देने में उनके योगदान की सराहना की । उन्होंने अपने आवास पर पुरस्कार विजेताओं से बातचीत की और उनके साथ शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित अन्य लोग भी शामिल हुए ।
आपको बता दें कि ऐसी ही उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर की एकमात्र शिक्षिका आसिया फारूकी है । जिन्हें शिक्षक दिवस 5 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया ।
आईये जानते हैं आसिया के जज्बे की कहानी –
बता दें कि शिक्षिका आसिया फारूकी का राष्ट्रपति पुरस्कार तक का सफर इतना आसान नहीं था । आसिया की पहली नियुक्ति नवंबर 2008 में हथगाम ब्लॉक में हुई थी । इसके बाद 2015 में प्रमोशन के बाद आसिया प्राथमिक विद्यालय अस्ती पहुंची । जहां के विद्यालय की स्थिति बयां कर रही थी कि यहां नौनिहालों को शिक्षित करना नामुमकिन सा है । अस्ती है तो नगर से नजदीक लेकिन पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है । जहां पर ज्यादातर लोग अधिक पढ़े लिखे नहीं हैं । लेकिन उनका संघर्ष जारी रहा उन्होंने यह ठाना था कि यहाँ मुझे बेहतर करना है कहते हैं न कि अगर जज्बा हो तो सब कुछ आसान हो जाता है उन्होंने बेहतर करने के लिए रात दिन एक कर दिया ।
आसिया की ज्वानिंग के समय विद्यालय में गिने-चुने 6-9 बच्चे ही आते थे । वहीं, अराजकतत्वों का विद्यालय में कब्जा था जो आए दिन तोड़ फोड़ करते थे और शराब पीने का अड्डा बना लिया था वही शराब पीकर गाली-गलौज करते थे । इतना ही नहीं था विद्यालय की स्तिथि बत से बत्तर थी । लेकिन इस सबको बेहतर करने के लिए जज्बा का उदय हो चुका था और वो थी आसिया ?
आसिया फारूकी ने हिम्मत नहीं हारी और पूरी कर्मठता और ईमानदारी के साथ विद्यालय को बेहतर बनाने के लिए जंग छेड़ दी और उसी जज्बे के साथ लगातार काम में लग गई और सफलता हासिल की । जिसका परिणाम यह रहा कि विद्यालय में आज 250 बच्चों से अधिक पढ़ रहे हैं । आज विद्यालय का भौतिक एवं शैक्षणिक परिवेश किसी कान्वेंट स्कूल से कम नहीं लगता है ।
अपने खर्चे पर किये यह कार्य –
विद्यालय की चारदीवारी में लोहे की ग्रिल लगवाई । इंटरलॉकिंग कराई । पंखे और एलईडी की व्यवस्था की, फर्नीचर की व्यवस्था । विद्यालय में सैकड़ों पौधें लगाए और भी ऐसे छोटे बड़े कार्य किए जो लिखने में बहुत है । सभी कक्षाओं में उनके अनुरूप टीएलएम और मॉडल बनाए । खेल खेल में शिक्षण गतिविधि बच्चों को पुरस्कार देकर उनका हौसला और मानोबल बढ़ाया । आसिया अपने वेतन का 10 प्रतिशत प्रत्येक माह स्कूल में खर्च करती है ।
आसिया के मन में है भविष्य की योजनाएं –
जो छोटी छोटी मूल भूत अवश्यकताएं है उसे पूर्ण करना उनका उद्देश्य है । विद्यालय में छात्रों के लिए आरओ वाटर प्लांट लगाना ,कक्षा 1 से लेकर 5 तक कि सभी कक्षा में स्मार्ट क्लास के द्वारा शिक्षण कार्य, विद्यालय में जनरेटर की व्यवस्था कराना चाहती है । पेड़ पौधे अच्छे बने रहे जिसके लिए सबमर्सिबल लगाना है,विद्यालय वैन की व्यवस्था, अन्य विद्यालय में जाकर मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में प्रेरणा देना और जो भी योजनाएं है उसे जरूर शुरू करेंगे बच्चों के भविष्य के लिए जो भी करना होगा वो हम करते रहेंगे ।
आसिया अब तक प्राप्त कर चुकी है यह अवार्ड –
आइडियल टीचर अवार्ड,इन्नोवेटिव टीचर अवॉर्ड ,राज्य स्तरीय कहानी प्रतियोगिता ,कपिलवस्तु महोत्सव उत्कृष्ट शिक्षक अवॉर्ड , मऊ महोत्सव उत्कृष्ट शिक्षक ,जिला अधिकारी द्वारा तीन बार सम्मानित,राज्य स्तरीय उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में चयनित ,बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा सम्मानित,खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा सम्मानित,आई एन ए फाउंडेशन द्वारा सम्मानित,कलेक्ट्रेट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा सम्मानित, अरविंदो सोसायटी द्वारा सम्मानित ,स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सम्मानित ,राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 में मुख्यमंत्री से सम्मानित और राज्य स्तरीय कहानी प्रतियोगिता 2021 में विजयी और भी बेहतर कार्यप्रणाली और उत्कृष्ट कार्यों के लिए आसिया को 2019 में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों भी राज्य शिक्षक पुरस्कार मिला था । वहीं, 2021 में यूपी के राज्यपाल व वित्तमंत्री भारत सरकार के हाथों राज्य मिशन शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के अन्य सैकड़ों राज्य एवं जनपद स्तरीय पुरस्कार आसिया को प्राप्त हो चुके हैं । विद्यालय में वर्षों से एकल शिक्षिका होने के बावजूद आसिया फारूकी ने शानदार काम किया । इससे आसिया ने सिद्ध कर दिया कि यदि एकाग्र होकर साहस और लगन से कार्य किया जाए, तो कोई भी कार्य कठिन नहीं है ।
जैसे ही आसिया जनपद फतेहपुर पहुँची बीएसए सहित आसिया की माँ, तमाम गणमान्य लोग ने पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया –
वहीं, आसिया के सम्मान समारोह के दौरान बड़ी संख्या में शिक्षक साथी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मौजूद रहे । बेसिक शिक्षा अधिकारी पंकज यादव ने शिक्षिका आसिया फारुखी व उनकी मां को सम्मानित करने के बाद कहा कि जनपद के अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी आसिया फारूकी से प्रेरणा लेकर कुछ सीखना चाहिए और अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से करना चाहिए । जिससे बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा मिल सके । मुझे उम्मीद है कि आगे भी और भी शिक्षक आसिया की तरह राष्ट्रीय पटल पर पहुँचकर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हो कर जनपद का नाम रोशन करेगी ।