
सरसौल/कानपुर । प्रख्यात कवि,रचनाकार, रंगमंचीय कलाकार व शंकरानन्द इंटर कालेज रेलवे स्टेशन सरसौल के संस्थापक प्रधानाचार्य रमेश चन्द्र श्रीवास्तव की 34वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वक्ताओं ने कहा की शिक्षक के साथ रंगमंच के कुशल कलाकार भी थे ।
श्री श्रीवास्तव के आवास रामपुर में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उनके चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित करते मधुर स्मृतियों को याद करते हुए उनके शिष्य दिनेश पाण्डेय (सेवानिवृत्त शिक्षक) ने बताया कि श्रीवास्तव जी निश्चित तौर हम सब भाई ही नही बल्कि मार्गदर्शन से चल कर फलीभूत हो रहे । आज वह हम लोगो के बीच नही है ।फिर भी उनके सन्देश व विचार उनकी यादें बनकर आज भी उनको हम सभी के बीच जीवन्त सा होता दिखते है ।
शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाई देने वाले श्री श्रीवास्तव जी का काव्य क्षेत्र में भी उनकी गहराई इतनी थी उन्होंने कई ग्रन्थ भी लिखे । अभिनय में उनकी पटुता का परचम था । जनक व रावण का जहां वह अभिनय करते थे वहीं स्व रचित संवाद भी करते थे । इस मौके पर वेद त्रिपाठी,आशीष सिंह,प्रभात उपाध्याय,विजय श्रीवास्तव, योगेन्द्र मिश्रा, नसरे आलम, पवन मिश्रा,अनिल सिंह,रामजी द्विवेदी के अलावा रमेशचंद्र श्रीवास्तव के पुत्र सत्यार्थ विक्रम व उनका परिवार मौजूद रहा ।