
कानपुर । छठ पर्व बड़ी धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया । यहां चार दिनों तक चलने वाला पर्व सोमवार की सुबह भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना कर संपन्न किया गया । रविवार शाम को कानपुर के नजफगढ़ गंगा घाट में भक्तों ने छठ महापर्व में भगवान सूर्य की आराधना के साथ-साथ छठी मैया की भी विधि-विधान से पूजा की गई ।
बता दें कि छठ पर्व के अंतिम दिन उगते हुए सूर्य और छठी मैया की पूजा की गई । सरसौल विकासखंड के रहने वाले राज निषाद के ने बताया कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ महापर्व का शुभारंभ हो जाता है । चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व का सनातन धर्म में विशेष महत्व है । छठ पर्व में मुख्य दिन षष्ठी तिथि को माना जाता है । वही दीपक सिंह ने बताया कि सनातन शास्त्रों की मानें तो द्वापर युग में जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब कुष्ट रोग से पीड़ित थें । भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें सूर्य उपासना की सलाह दी । कालांतर में साम्ब ने सूर्य देव की उपासना की । सूर्य देव की उपासना करने से साम्ब को कुष्ट रोग से मुक्ति मिली थी ।
प्रीति सिंह ने बताया कि मान्यता यह कि यह व्रत रखने से संतान को लंबी आयु और उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद मिलता है । वहीं परिवार में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है । छठ महापर्व में भगवान सूर्य की आराधना के साथ-साथ छठी मैया की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है । इस वर्ष कार्तिक मास की षष्ठी तिथि 19 नवम्बर के दिन यानि रविवार को डूबते हुए सूर्य की पूजा की गई और व्रती महिलाएं 24 घंटे से अधिक समय का कठिन निर्जला उपवास रखा । आज सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा । इसके बाद लोग उपवास समाप्त कर प्रसाद ग्रहण किया ।