
ऋत्विक भालेकर कोरोना संक्रमण की तीन लहरों से दुनियाभर में मची तबाही के बाद लोगों ने कुछ राहत की सांस ली ही थी कि अब एक बार फिर कोरोना के नए सब वेरिएंट ने डराना शुरू कर दिया है । इस नए सब वेरिएंट JN.1 के अब तक 40 देशों में केस सामने आ चुके हैं । भारत में फिलहाल कोविड संक्रमण के 2300 से ज्यादा एक्टिव मामले हैं ।
कोरोना फिर डरा रहा है । कोविड के नया JN.1 वेरिएंट अब 40 देशों में फैल चुका है । चौंकाने वाली बात यह है कि भारत में इस स्ट्रेन के 21 एक्टिव मामले मौजूद हैं । इस नए सब वेरिएंट की खास बात यह है कि यह वेरिएंट दूसरे स्ट्रेन की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलता है ।
कोरोना संक्रमण की तीन लहरों से दुनियाभर में मची तबाही के बाद लोगों ने कुछ राहत की सांस ली ही थी कि अब एक बार फिर कोरोना के नए सब वेरिएंट ने डराना शुरू कर दिया है । इस नए सब वेरिएंट JN.1 के अब तक 40 देशों में केस सामने आ चुके हैं । भारत में फिलहाल कोविड संक्रमण के 2300 से ज्यादा एक्टिव मामले हैं । इसमें नए सब वेरिएंट JN.1 के 21 मामले हैं ।
कोरोना के नए सब वेरिएंट JN.1 के बारे में सामने आया है कि इसका सबसे पहला केस अगस्त में लक्जमबर्ग में पाया गया । इसके बाद यह धीरे-धीरे 36 से 40 देशों में फैल गया । WHO ने इसे वैरीअंट ऑफ इंटरेस्ट कहा है । कोविड के चलते बीते दो हफ्ते में देश के अंदर 16 मौते हुई हैं । इन लोगों को पहले से कई गंभीर बीमारी थीं । यानी ये लोग को कोमोरबिडिटीज से पीड़ित थे ।
जीनोम सीक्वेसिंग के लिए भेजे सैंपल
हाल ही में 15 दिसंबर को बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में एक व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हुई थी । वह भी दूसरी कई बीमारियों से पीड़ित था । इस रोगी का सैंपल इकट्ठा कर जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज दिया गया है ।
614 नए केस आए, केरल में 3 की मौत
भारत में बीते दिन कोरोना संक्रमण के 614 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जो 21 मई के बाद से सबसे ज्यादा हैं ।
बुधवार को अपडेट किए गए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के एक्टिव केस बढ़कर 2,311 हो गए हैं । 24 घंटे के दौरान केरल में तीन लोगों की मौत हुई है । जिसके बाद देश में कोविड से मरने वालों की संख्या 5 लाख 33 हजार 321 हो गई है । अब तक भारत में कोरोना के 4.50 करोड़ केस सामने आ चुके हैं ।
तेजी से फैलता है कोरोना का नया स्ट्रेन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने JN.1 स्ट्रेन के बारे में बताया है कि जांच में सामने आया है कि दूसरे वैरिएंट की तुलना में अधिक आसानी से फैलता है ।
जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक वायरो लॉजिस्ट एंड्रयू पेकोज ने कहा है कि जेएन.1 अधिक जोखिम पैदा नहीं करता है । JN.1 को पहले इसके मूल वंश BA.2.86 के हिस्से के रूप में वर्गीकृत किया गया था । लेकिन WHO ने अब इसे अलग प्रकार के तौर पर वर्गीकृत किया है । डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि मौजूदा टीके जेएन.1 और कोविड-19 वायरस के दूसरी वेरिएंट से होने वाली गंभीर बीमारी और मौत की रोकथाम जारी रखेंगे ।