
वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र त्रिपाठी की खास रिपोर्ट
– सत्ता के दलालों द्वारा रंगदारी की मांग से आजिज कम्पनी के अधिकारियों ने उठाया यह कदम
फतेहपुर । गामी 4 वर्षों में 2027 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर करने के लिए माथा पच्ची कर रही उत्तर प्रदेश सरकार भले ही उद्यमियों को आमंत्रित करने के लिए देश दुनिया के चक्कर काट रही हो लेकिन उद्यमियों के लिए उद्योग लगाना अभी फतेहपुर जिले में आसान नहीं है । बिन्दकी तहसील के पहुर गांव में 45 एकड़ में प्रस्तावित 1500 करोड़ की लागत से सीमेंट फैक्ट्री में दलालों को सत्ताधारी ही पोषित कर रहे हैं । जिसका नतीजा है कि जमीन अनुबंध में कुछ सत्ताधारियों ने ऐसा कुचक्र रचा कि डालमिया भारत ग्रीन विजन लिमिटेड के अधिकारियों को काम करना मुश्किल हो रहा है।उनसे रंगदारी मांगी जा रही है । झूठे एवं मनगढ़ंत आरोप लगाकर उत्पीड़न किया जा रहा है । भूमाफिया बने इन लोगों पर प्रशासन व पुलिस की उपेक्षा के चलते कंपनी ने सीमेंट के प्रोजेक्ट को बंद करने का ऐलान कर दिया है । कंपनी ने जिलाधिकारी को बाकायदा पत्र भेज दिया है । जिसमें कहा गया है कि वह अपनी परियोजना को बंद कर किसी दूसरे जनपद में स्थापित करेगी ।
जीरो टॉलरेंस एवं भ्रष्टाचार रहित प्रशासन व सुशासन का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार में आम आदमी की समस्याएं अभी ज्यों की त्यों हैं । सत्ताधारी नेताओं का जमीनी प्रेम खत्म नहीं हो रहा है । कई पर्दे के पीछे से तो कई खुलकर जमीनों की खरीद परोख्त के धंधे में लगे हैं ।
जमीनी प्रेम का ही नतीजा है कि डालमिया द्वारा पहुर गांव में 130 बीघा जमीन में सीमेंट की फैक्ट्री लगाने के क्रम में संबंधित किसानों से सीधे जमीन लेने का काम शुरू किया तो एक दबंग पूर्व प्रधान सहित क्षेत्रीय दलालों ने अपने पैर पसार दिए । किसानों से खुद जमीन लेने की बात कही जाने लगी जिससे कंपनी को वह ब्लैकमेल कर उनसे मनमानी रकम वसूल सकें या फिर काम में अड़ंगा डाल सकें ।
सत्ता से जुड़े इन लोगों को काफी हद तक सफलता भी मिली और उन्होंनें किसानों को आगे करके कंपनी के अधिकारियों पर झूठे ,बेबु नियाद एवं मनगढ़ंत आरोप लगा ना केवल काम को प्रभावित किया बल्कि उनका उत्पीड़न भी बराबर किया जा रहा है । प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों से कहने के बावजूद समस्या का कोई निराकरण नहीं निकला तो रंगदारी मांगने वाले दलालों के हौसले बुलंद हो गए ।
अब हालात यह हैं कि आए दिन कंपनी के अधिकारियों को परेशान करने के लिए कोई ना कोई षड्यंत्र रचा जा रहा है । जिससे कंपनी पर पैसे ऐठनें का दबाव बनाया जा सके । जमीन के दलालों एवं भूमाफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो गए कि एग्रीगेटर धर्मेंद्र कुमार पांडे के साथ कंपनी के अधिवक्ता की मध्यस्थता में इन लोगों ने बातचीत करने के बदले ₹3 लाख ऐंठ लिए लेकिन अब मामला करोड़ों तक जा पहुंचा और रंगदारी मांगने वालों ने उससे कम पर किसी भी सूरत में मानने से इनकार कर दिया । चारों तरफ से परेशान कंपनी के अधिकारियों ने अपने उच्चाधिकारियों को यहां आ रही दिक्कतों की जानकारी दी तो शीर्ष नेतृत्व ने कंपनी को बंद करने का ऐलान कर दिया । जिसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने जिलाधिकारी को पत्र भेजा है और साफ तौर पर कहा है कि वह यहां से अपना बोरिया बिस्तर बांध सीमेंट फैक्ट्री के लिए किसी दूसरे जनपद की ओर प्रस्थान करेंगे । जिस तरह से यहां हालात ऐसी कंपनियों के साथ उत्पन्न हैं । जिनके मालिकानों की बात सरकार से जुड़े शीर्ष लोगों से सीधे होती है । उस सरकार के छोटे-छोटे प्यादे इन्हें परेशानी में डाल वसूली करने में मस्त हैं । ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में लोगों की क्या दशा एवं दुर्दशा होगी । बताने,दिखाने और कहने के लिए लाख दावे एवं वायदे किए जा रहे हों लेकिन चरम पर भ्रष्टाचार से आजिज लोगों के लिए अभी भी न्याय के दरवाजे यहां कठिनाई से ही खुल रहे हैं ।