
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि बुद्धिजीवियों का कर्तव्य है कि वो “राज्यों के झूठ को उजागर करें”
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि एक लोकतांत्रिक देश में सरकारों को जिम्मेदार ठहराना और झूठ, झूठी कहानियों और फर्जी खबरों से बचना महत्वपूर्ण है ।
छठे चीफ़ जस्टिस एमसी छागला मेमोरियल लेक्चर में बोलते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और वर्तमान संदर्भ में चिकित्सा के जुड़े सच के लिए सरकार पर अत्यधिक निर्भरता के प्रति आगाह किया ।
उन्होंने कहा, “कोई सच्चाई के लिए केवल राज्य पर भरोसा नहीं कर सकता है । अधिनायकवादी सरकारें सत्ता को मज़बूत करने के लिए झूठ पर निरंतर निर्भर रहने के लिए जानी जाती हैं । हम देखते हैं कि दुनिया भर के देशों में कोविड-19 डेटा में हेरफेर करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है,”
जस्टिस चंद्रचूड़ ने स्वीकार किया कि ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को झूठी सामग्री के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, लेकिन साथ ही कहा कि लोगों को सतर्क रहना चाहिए,पढ़ने, बहस करने और अलग-अलग राय को खुलकर स्वीकार करने के तैयार रहना चाहिए ।