
फतेहपुर । डॉ० अविनाश त्रिपाठी उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जनपद में आदर्श आचार संहिता को लागू करने एवं उसके प्राविधानों के विरूद्ध होने वाली कार्यवाही की रोकथाम के लिए नियुक्त उड़न दस्तों को आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन की रिपोर्ट की तत्काल आवश्यकता होती है । इस हेतु सी-विजिल,नागरिकों के लिए निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता और व्यय संबंधी उल्लंघनों की रिपोर्ट करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बनाया गया एक मोबाइल ऐप्लिकेशन है । सी-विजिल का अर्थ जागरूक नागरिक है और यह स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचनों के संचालन में नागरिकों द्वारा निभाई जा सकने वाली सक्रिय और जिम्मेदार भूमिका पर जोर देती है ।
सी-विजिल एक उपभोक्ता अनुकूल एंड्रॉइड एप्लिकेशन है । जिसे संचालित करना आसान है जिसका उपयोग निर्वाचनों की अधिसूचना की तारीख से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघनों की रिपोर्टिंग के लिए किया जा सकता है । इस ऐप की विशिष्टता यह है कि यह केवल लाइव फोटो/वीडियो और ऐप के भीतर से ऑटो लोकेशन कैप्चर करता है । ताकि फ्लाइंग स्क्वॉड को समयबद्ध तरीके से कार्य करने के लिए डिजिटल साक्ष्य मिलना सुनिश्चित हो सके ।
इस ऐप को ऐसे किसी भी एंड्रॉइड स्मार्टफोन में इन्सटाल किया जा सकता है । जिसमें कैमरा,इंटरनेट कनेक्शन और जीपीएस एक्सेस हो । इस एप्लिकेशन का उपयोग करके नागरिक राजनीतिक कदाचार की घटनाओं को देखते ही तत्काल इसकी रिपोर्ट कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें रिटर्निंग अधिकारी/आर०ओ० के कार्यालय में नहीं जाना पड़ेगा । सी-विजिल जागरूक नागरिकों को जिला नियंत्रण कक्ष, रिटर्निंग अधिकारी और फ्लाइंग स्क्वॉड/स्थैतिक निगरानी दलों के साथ जोड़ता है,जिससे एक तीव्र और सटीक रिपोर्टिंग,कार्यवाही और निगरानी प्रणाली का निर्माण होता है । शिकायत दर्ज करने से पहले आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली गतिविधि की केवल एक तस्वीर या 2 मिनट का वीडियो बनाएं और संक्षिप्त में इसका वर्णन कर दें । शिकायत के साथ कैप्चर की गई जीआईएस जानकारी स्वतः इसे संबंधित जिला नियंत्रण कक्ष को भेज दी जाती है । जिससे फ्लाइंग स्क्वॉड को कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर भेज दिया जाता है ।
सी-विजिल ऑपरेटिंग मॉडल निम्नानुसार कार्य करता है –
चरण 1 – नागरिक एक तस्वीर क्लिक करता है या 2 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड करता है । फोटो/वीडियो को भौगोलिक सूचना प्रणाली (G.P.S.) द्वारा स्वचालित लोकेशन मैपिंग के साथ ऐप पर अपलोड किया जाता है । इसके सफलतापूर्वक सबमिशन के बाद ,इसे ट्रैक करने और अपने मोबाइल पर अपडेट प्राप्त करने के लिए नागरिक को एक यूनिक आईडी मिलती है । नागरिक इस तरह से कई घटनाओं की रिपोर्ट कर सकता है और उसे अनुवर्ती अपडेट के लिए प्रत्येक रिपोर्ट के लिए एक विशिष्ट आईडी प्राप्त होगी। ऐप के प्रयोक्ता (User) के पास सीविजिल ऐप के माध्यम से बेनामी रूप से शिकायतें दर्ज करने का विकल्प होता है ।
चरण 2 – नागरिक द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद, सूचना जिला नियंत्रण कक्ष में आ जाती है, जहाँ से उसे फील्ड यूनिट को सौंपा जाता है। एक फील्ड यूनिट में उड़न दस्ता, स्थैतिक निगरानी टीम, रिजर्व टीम आदि होते हैं । प्रत्येक फील्ड यूनिट में एक जीआईएस आधारित मोबाइल एप्लिकेशन होगा । जिसे ‘सी-विजिल इंवेस्टीगेटर’ कहा जाता है,जिससे फील्ड यूनिट जीआईएस संकेतों और नेविगेशन तकनीक का अनुसरणं करके सीधे लोकेशन पर पहुंचती है और कार्यवाही करती है ।
चरण 3 – फील्ड यूनिट में शिकायत पर कार्रवाई होने के बाद, उनके द्वारा निर्णय और निपटान के लिए संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को अन्वेषक ऐप के माध्यम से फील्ड रिपोर्ट ऑनलाइन भेजी जाती है । यदि घटना सही पाई जाती है, तो सूचना को भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल पर अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा जाता है और जागरुक नागरिक को 100 मिनट के भीतर स्थिति के बारे में सूचित किया जाता है ।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि सी-विजिल ऐप्लिकेशन का उपयोग केवल आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित मामलों को दर्ज करने के लिए किया जाना चाहिए । सी-विजिल ऐप के माध्यम से व्यक्तिगत शिकायतें दर्ज नहीं की जानी चाहिए ।