
फतेहपुर के कस्बा बकेवर मे जन्मे डॉ० सुनील कुमार तिवारी,शिक्षा जगत मे जनपद का नाम रोशन कर रहें है आप द्वारा वर्ष 1999 मे शिक्षक बनने के बाद 2004 मे पी0एच0डी0 किया ।
जिस प्रकार विविध रंगो के होते हुए भी सभी गाये एक ही रंग का श्वेत दूध प्रदान करती है उसी प्रकार विभिन्न भाषा मे प्रदान की गयी शिक्षा एक ही उपदेश देती है कि परस्पर वैमनस्य का त्यागकर,आत्म कल्याण के लिए सभी का आदर करते हुए उनकी दी हुयी शिक्षा क़ो ग्रहण करनी चाहिए यही जीवन का शाश्वत तत्व दर्शन है ।
उक्त विषय पर मीनेश आदवासी विश्वविद्यालय कोटा राजस्थान मे एक दिवसीय शोध सेमिनार का आयोजन किया गया था जिस पर विश्व विद्यालय ने विशिष्ट अतिथि के रूप मे डॉ० सुनील कुमार तिवारी क़ो आमंत्रित किया था ।
कुलपति प्रोफेसर पी० के० तिवारी ने बताया कि डॉ० सुनील कुमार तिवारी पूर्णतया शिक्षा के प्रति समर्पित है । इनके विभिन्न पत्र पत्रिकाओं मे, राष्ट्रीय,अंतराष्ट्रीय 18 शोध पेपर प्रकाशित है । साथ उत्तर प्रदेश सरकार के लिये 12 किताबों का लेखन भी किया गया है । कक्षा 1 व 2 के लिए आनंदमय गणित, सारंगी का भी लेखन कार्य किया है । जिसे लगभग दो करोड़ बच्चे पढ़ेंगे । आप द्वारा अनौपचारिक शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण पुस्तक एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सुमसंसा वैदिक गणित किताब का भी लेखन कार्य किया है ।
उन्होंने कहा कि डॉ० सुनील कुमार तिवारी फतेहपुर जनपद के गौरव एवं शिक्षाविद है ।