
– राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के दावों में काफी अंतर..
नई दिल्ली : देश की कई बिजली कंपनियों के सामने कोयले के स्टॉक का संकट खड़ा हो गया है ।
इसकी वजह से देश के कई राज्यों में बिजली संकट की स्थिति पैदा होने की बात कही जा रही है ।
हालांकि,इस मसले पर कुछ राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के दावे में काफी अंतर है ।
सवाल है कि अगले महीने की शुरुआत में दिवाली का त्योहार आ रहा है ।
ऐसे में एक चिंता यह है कि कहीं इस साल दिवाली अंधेरे में ही तो नहीं गुजरेगी ।
बिजली संकट का खतरा सिर्फ भारत में ही नहीं मंडरा रहा है बल्कि चीन, यूरोप और अमेरिका में भी बिजली संकट बना हुआ है। ऊपर से हर साल अक्टूबर के बाद से बिजली की मांग बढ़ने ही लगती है। दिल्ली, पंजाब, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक की सरकारों ने केंद्र को बिगड़ते हालात पर चेतावनी दे दी है ।
यही नहीं केरल, महाराष्ट्र ने तो नागरिकों से अपील की है कि वो बिजली की सावधानी से खपत करें।
तो क्या, भारत बिजली संकट की तरफ बढ़ रहा है? क्या चीन की तरह देश के कई इलाकों में अंधेरा छा सकता है?
135 में से 110 प्लांट में कोयला संकट…..
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की 7 अक्टूबर की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 135 में से 110 प्लांट कोयले के संकट का सामना कर रहे हैं और क्रिटिकल स्थिति में पहुंच गए हैं। 16 प्लांट के पास एक भी दिन का कोयला स्टॉक में नहीं है। तो 30 प्लांट के पास केवल 1 दिन का कोयला बचा है। इसी तरह 18 प्लांट के पास केवल 2 दिन का कोयला बचा है. यानी स्थिति बेहद गंभीर हैं । इसमें हरियाणा और महाराष्ट्र के 3 प्लांट ऐसे हैं,जहां स्टॉक में एक भी दिन का कोयला नहीं है ।
इसी तरह पंजाब,राजस्थान,उत्तर प्रदेश,छत्तीसगढ़,मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार में एक-एक प्लांट ऐसे हैं, जहां एक दिन का स्टॉक बचा हुआ है ।
वहीं, पश्चिम बंगाल के 2 प्लांट में ऐसी स्थिति है। केरल और महाराष्ट्र ने तो नागरिकों से अपील की है कि वह बिजली को सावधानी के साथ खर्च करें।
कांग्रेस ने बोला केंद्र सरकार पर हमला…..
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा है कि हम अचानक देश के पॉवर प्लांट में कोयला आपूर्ति के संकट की बात सुन रहे हैं, क्या एक खास निजी कंपनी इस संकट का फायदा उठा रही है. इसकी जांच कौन करेगा।
इसके बाद कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर कहा, “पेट्रोल के बाद जेब पर गिरेगी बिजली की कीमत..
कोयले की आपूर्ति में भारी किल्लत कर दी है । साथ ही, बिजली नीति संशोधित कर दी। संशोधन के बाद साहेब और ‘उनके मित्र’ मनमर्जी रुपये/ यूनिट बिजली बेचेंगे।
क्या वाकई हालात बेकाबू होते जा रहे हैं ?
सबसे पहले यूपी का हाल जानते हैं। रिपोर्ट्स यह है कि कोयले की कमी से यूपी में बिजली का संकट बढ़ा है। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों में बिजली की कटौती हो रही है। कागजों में तो 4 से 5 घंटे की कटौती हो रही है, लेकिन असल में कटौती कहीं ज्यादा है। बता दें कि यूपी में मौजूदा मांग के मुकाबले बिजली की आपूर्ति में 3000 से 4000 हजार मेगावॉट बिजली की कमी आई है ।
मध्य प्रदेश भी बिजली संकट का सामना कर रहा है. शिवराज कैबिनेट के ऊर्जा मंत्री प्रधुमन सिंह तोमर ने चिंता जाहिर की है । ऊर्जा मंत्री से जब बिजली समस्या के बारे में पूछा गया तो,उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि चीन में भी कोयला नहीं है । वह भी बिजली संकट से जूझ रहा है । ऐसे ही हालात राजस्थान के भी हैं ।
बिजली उत्पादन उद्योग कोयले पर निर्भर…..
देश में बिजली उत्पादन उद्योग कोयले पर बहुत ज्यादा निर्भर है। कुल 388 गीगावॉट बिजली उत्पादन की क्षमता वाले संयंत्र हैं। जिनमें 54% यानी 208.8 गीगावॉट बिजली कोयला आधारित संयंत्रों से पैदा होती है। पिछले वर्ष देश में कोयले से 1,125.2 टेरावॉट-घंटे बिजली का उत्पादन हुआ था।
अक्टूबर महीने में यूं भी हर साल बिजली की मांग बढ़ जाती है, लेकिन इस वर्ष मामला कुछ अलग है ।
पिछले दो महीनों में देश की अर्थव्यवस्था लगभग पूरी तरह खुल गई है जो पिछले 18 महीनों से कोविड की पाबंदियों के कारण ठप पड़ी थी । अगस्त-सितंबर के दो महीनों में बिजली खपत 124.2 अरब यूनिट प्रति माह तक पहुंच गई जो 2019 के इन्हीं दोनों महीनों में 106.6 अरब यूनिट प्रति महीने रही थी ।
गौरतलब है कि 2019 के अगस्त-सितंबर महीनों में कोविड महामारी शुरू नहीं हुई थी ।
इस दौरान कोयले से बिजली उत्पादन 2019 में 61.91% की तुलना में बढ़कर इस वर्ष 66.35% हो गया । इस लिहाज से 2019 के मुकाबले इस वर्ष अगस्त-सितंबर में कोयले की खपत 18% बढ़ गई ।
नीतीश बोले- दूसरी जगह से खरीदी जा रही बिजली
यूपी,बिहार,मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र से बिजली कटौती की खबरें आना शुरू हो गई हैं ।
कोयले की किल्लत के बीच बिहार में कटती बिजली पर नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में दूसरी जगहों से बिजली खरीदकर मांगों को पूरा किया जा रहा है । केजरीवाल सरकार भी बिजली संकट को लेकर मोदी सरकार को आगाह कर रही है । जबकि बिजली कटौती की बात मध्य प्रदेश सरकार भी मान रही है । तो पंजाब में पांच थर्मल पावर प्लांट यूनिट बंद कर दी गई हैं ।
महाराष्ट्र में सात थर्मल पावर प्लांट की 13 यूनिट ठप
केंद्र सरकार कह रही है कि बिजली का क्राइसिस है नहीं, बल्कि बनाया जा रहा है ।
लेकिन, सच ये भी है कि कोयले के संकट की वजह से महाराष्ट्र के सात थर्मल पावर प्लांट की 13 यूनिट ठप पड़ गई हैं ।
बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने नेशनल एक्सचेंज से पावर खरीदने की तैयारी कर ली है । इसके साथ ही हाइड्रो पावर सोर्स से भी बिजली खरीदने की तैयारी चल रही है। एक तो कोयला नहीं,ऊपर से महाराष्ट्र के चंद्रपुर में वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड के बल्लारपुर अंडर ग्राउंड माइंस के करीब 800 मजदूरों ने अचानक काम बंद करके आंदोलन शुरू कर दिया है ।
बल्लारपुर अंडर ग्राउंड माइंस से रोजाना 300 टन कोयले का उत्पादन होता है और पूरे देश में कोयले की कमी से बिजली संकट गहराया हुआ है । चंद्रपुर कोयला खदान के मजबूर वेतन बढ़ाने का मांग कर रहे हैं ।