
वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र त्रिपाठी की खास रिपोर्ट
फतेहपुर । दो दिन बाद एनडीए व इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो जाएगा । एक्जिट पोल के दावे कितने सच्चे है । कितने झूठे देश के सामने आ जाएंगे । मतदाताओं के किए गए फैसले के आने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है ।
आगामी 4 जून को होने वाली मतगणना से पहले एग्जिट पोल ने एक बार फिर भाजपाइयों में बड़ी ऊर्जा का संचार किया है । लेकिन आने वाले परिणाम की आशंका एवं बेचैनी प्रत्याशियों के दिलों की धड़कनों को तेज किए हुए है । चुनावी जोड़-गणित में अपनी-अपनी जीत को भाजपा व सपा सहित बसपा प्रत्याशी पक्का मान रहे हैं ।लेकिन ग्राउंड जीरो पर मतदाताओं के मिजाज की आबोहवा ने चुनावी गर्मी को और बढ़ा रखा है । चुनावी नैया पार लगाने के लिए प्रत्याशियों उनके परिजनों एवं समर्थकों के बीच मन्नतों का दौर शुरू है । घरों में हवन पूजन,व्रत,अनुष्ठान जारी है तो प्रत्याशी अपने-अपने इष्टों की शरण में हैं ।
फतेहपुर लोकसभा सीट के लिए यहां मतदान 20 मई को पांचवें चरण में हुआ।भाजपा,कांग्रेस,सपा गठबंधन,बसपा सहित 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी-अपनी किस्मत आजमा रहे हैं । चुनावी जोड़ -गणित के बाद मतदाताओं द्वारा दिए गए फैसले एवं अपना सांसद चुनने के परिणाम की घड़ी की उल्टी गिनती शुरू हो गई है । जिस तरह से मतों का ध्रुवीकरण हुआ और परंपरागत वोट इधर से उधर होने की खबरें आईं उससे हार और जीत को लेकर प्रत्याशियों उनके समर्थकों के दिलों की धड़कनें बढ़ गईं ।
हलांकि एग्जिट पोल के आए नतीजे ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों में नई ऊर्जा का संचार कर दिया है लेकिन जिस तरह से चुनावी हवा रही है । अगर वह हकीकत में वोट में तब्दील हुई है तो चुनाव परिणाम चौंकाने वाले हों इससे इनकार नहीं किया जा सकता ।
फिलहाल मतगणना के परिणाम तक तो किसी को भी सांसद बनने से रोका नहीं जा सकता।मतों की गणित के बीच जीत का पूरा खाका नेताओं,कार्यकर्ताओं ने तैयार कर रखा है । भारतीय जनता पार्टी एवं गठबंधन के समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के बीच मुकाबला सीधा-सीधा है । बहुजन समाज पार्टी यहां चुनाव लड़ने की स्थिति में कभी दिखाई ही नहीं पड़ी । इतना ही नहीं अपने परंपरागत वोटों को सहेज कर रखना भी पूरे चुनाव में उसके लिए बड़ी चुनौती रही । मतगणना 4 जून को प्रातः 8 बजे से शुरू होगी और उसके बाद से मतदाताओं द्वारा दिए गए फैसले के रुझान आने शुरू हो जाएंगे । सीधे मुकाबले में भाजपा व समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी फिलहाल अपनी-अपनी जीत पक्की मान रहे हैं । जीत को लेकर आश्वस्त कार्यकर्ताओं एवं नेताओं की जीत की अपनी-अपनी गणित है लेकिन जब तक परिणाम सामने नहीं आ जाते तब तक अटकलों का यह दौर जारी रहेगा । हो कुछ भी लेकिन चुनाव परिणाम की बेचैनी ने नेताओं व कार्यकर्ताओं में आस्था का संचार कर दिया है । हवन पूजन का दौर शुरू है । व्रत और उपवास रखे जा रहे हैं । अनुष्ठान किए जा रहे हैं । तंत्र-मंत्र का खेल भी चल रहा है । कुल मिला कर दिल्ली की राह आसान करने एवं जीत की आशा ने सभी को आस्थावान बना दिया है ।