
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव के परिणाम आ चुके हैं । यूपी में इस बार भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। 2019 के चुनाव के मुकाबले इस बार भाजपा को 29 सीटों का बड़ा नुकसान हुआ है । भाजपा 62 से घटकर 33 सीटों पर आ गई है । भाजपा का वोट शेयर भी 8.63% घट कर 41.37% हो गया है । इंडिया गठबंधन में शामिल सपा-कांग्रेस के वोट शेयर में पिछले चुनाव से लगभग दोगुना उछाल आया है । सपा को 33% जबकि कांग्रेस को 9% वोट मिले हैं । 2019 में सपा और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था,तब सपा को 18% और कांग्रेस कांग्रेस को 6% वोट मिले थे ।
यूपी में सपा को 37, बीजेपी को 33, कांग्रेस को 6, रालोद को 2, अपना दल (एस) को एक सीट मिली है । इसके अलावा एक सीट आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर ने जीती है । इस बार यूपी ने कम महिलाओं को संसद में भेजा । 2014 में 13, 2019 में 11 और इस बार केवल 7 महिलाएं सांसद बनीं । समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इस बार लोकसभा चुनाव में बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं । अखिलेश ने सपा को अब तक की सबसे बड़ी जीत दिलाई है । सपा को 2019 में 5 सीट मिली थीं, 2024 में 37 सीट पर जीत दर्ज की । सपा ने अपने इतिहास में लोकसभा में कभी भी इतनी सीट नहीं जीती थी ।
भाजपा को 29 सीटों का नुकसान
यूपी में 5 साल में भाजपा ने 8.63% वोट शेयर गंवा दिया । जिससे 29 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा । सबसे ज्यादा फायदे में सपा-कांग्रेस है । 2019 में सपा का वोट शेयर 18.1% था, जो बढ़कर 33.59% हो गया । कांग्रेस को 2019 में सिर्फ 6.4% वोट मिला था । 2024 में कांग्रेस को 9.46% वोट मिले । 2009 के बाद यह कांग्रेस का सबसे अच्छा प्रदर्शन माना जा सकता है । भाजपा के बाद नुकसान उठाने वाली दूसरी पार्टी बसपा है । 2019 में बसपा का वोट शेयर 19.4% था । बसपा ने 10 सीट जीती थी । सिर्फ 5 साल में बसपा का जनाधार तेजी से गिरा । इस बार चुनाव में बसपा को सिर्फ 9.39% वोट मिले ।
पीएम मोदी की जीत का मार्जिन घटा
वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव जीतने का मार्जिन 2014 और 2019 से कम रहा । मोदी 1 लाख 52 हजार 513 वोट से जीते हैं । जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को 4 लाख 60 हजार 457 वोट मिले ।
11 में से 7 केंद्रीय मंत्री चुनाव हारे
मोदी सरकार के 11 मंत्री यूपी से चुनावी मैदान में थे । जिनमें से 7 चुनाव हार गए । सबसे बड़ा उलटफेर अमेठी में हुआ । अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को गांधी परिवार के सेवक किशोरी लाल शर्मा ने बुरी तरह से हराया । 2019 में राहुल गांधी को स्मृति ईरानी ने 55 हजार वोट से हराया था,जबकि किशोरी लाल शर्मा ने 1 लाख 67 हजार वोटों से स्मृति ईरानी को हराया है मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान,लखीमपुर खीरी से अजय मिश्र टेनी, चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय, जालौन से भानु प्रताप वर्मा, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति और मोहनलालगंज से कौशल किशोर भी चुनाव हार गए ।
योगी सरकार के 2 मंत्री भी हारे
योगी सरकार के दो मंत्री भी चुनाव हार गए है । रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को राहुल गांधी ने 3 लाख 90 हजार वोट से हराया । मैनपुरी से जयवीर सिंह को भी डिंपल यादव ने 2 लाख 21 हजार वोट से हराया । पीलीभीत में पीडब्लूडी मंत्री जितिन प्रसाद और हाथरस से अनूप वाल्मीकि चुनाव जीत गए हैं ।
मेनका और निरहुआ हारे
9 बार की सांसद मेनका गांधी सुल्तानपुर से चुनाव हार गईं । सपा प्रत्याशी रामभुआल निषाद ने मेनका गांधी को 43 हजार वोट से हराया । आजमगढ़ से भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ चुनाव हार गए । 2022 के उपचुनाव में निरहुआ ने धर्मेंद्र यादव का हराया था । इस बार धर्मेंद्र ने 1 लाख 61 हजार वोट से निरहुआ को हराया है । कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह ने 1 लाख 43 हजार वोट से जीत गए । मेरठ से रामायण धारावाहिक में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल महज 10 हजार वोट से चुनाव जीते हैं ।
सैफई परिवार के सभी प्रत्याशी जीते
सैफई परिवार से लोकसभा चुनाव में 5 प्रत्याशी उतरे थे । सभी चुनाव जीत गए हैं । कन्नौज में अखिलेश यादव ने भाजपा के सुब्रत पाठक को 1 लाख 70 हजार वोट से हराया । मैनपुरी में डिंपल यादव ने मंत्री जयवीर सिंह को 2.21 लाख से हराया । आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव,फिरोजाबाद से अक्षय और बदायूं से आदित्य यादव चुनाव जीत गए ।
इंडिया गठबंधन के 5 मुस्लिम प्रत्याशी जीते
इंडिया गठबंधन ने 6 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था । सपा ने 4 और कांग्रेस ने 2 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था । इनमें 5 प्रत्याशी चुनाव जीत गए । अमरोहा में बसपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल होने वाले सांसद दानिस अली 28 हजार वोट से हार गए । सहारनपुर से इमरान मसूद,गाजीपुर से अफजाल अंसारी, कैराना से इकरा हसन, संभल से जियाउर्रहमान बर्क, रामपुर से मोहिबुल्लाह नदवी चुनाव जीत गए हैं ।
कांग्रेस के 17 में से 6 प्रत्याशी जीते
यूपी में सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ी कांग्रेस को फायदा हुआ । कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की,जबकि 2019 में कांग्रेस सिर्फ रायबरेली की सीट जीत पाई थी । रायबरेली से सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की थी । एक समय कांग्रेस का गढ़ रही इलाहाबाद में 40 साल बाद कांग्रेस ने जीत हासिल की । 1984 में कांग्रेस के टिकट पर आखिरी बार अमिताभ बच्चन ने जीत दर्ज की थी । सहारनपुर से इमरान मसूद,बाराबंकी से पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएल पुनिया का बेटा तनुज पुनिया,सीतापुर से राकेश राठौर ने भी जीत दर्ज की है ।
राजभर और संजय निषाद के बेटे हारे
सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बेटे और एनडीए प्रत्याशी अरविंद राजभर घोसी से चुनाव हार गए । सपा प्रत्याशी राजीव राय ने अरविंद को एक लाख 62 हजार वोट से हराया है । निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद संतकबीर नगर से 92 हजार वोट से हार गए । सपा प्रत्याशी लक्ष्मीकांत पप्पू निषाद ने प्रवीण को हराया ।
रालोद 2 सीटें जीती, अनुप्रिया 1 सीट हारी
चुनाव से ठीक पहले अखिलेश यादव से गठबंधन तोड़कर एनडीए में शामिल जयंत चौधरी फायदे में रहे हैं । सीट शेयरिंग में रालोद को दो सीटें बिजनौर और बागपत मिली थी बिजनौर से रालोद प्रत्याशी चंदन चौहान 37 हजार वोट से चुनाव जीते । चंदन ने सपा प्रत्याशी दीपक को हराया । बागपत से रालोद के राजकुमार सांगवान ने अमरपाल को 1 लाख 69 वोटों से हराया । अपना दल (एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से चुनाव जीत गईं,लेकिन रॉबर्टसगंज से अपना दल (एस) प्रत्याशी रिंकी कोल 1 लाख 29 हजार वोट से चुनाव हार गईं ।
बसपा के सभी 79 प्रत्याशी हारे
बसपा मुखिया मायावती ने 2024 चुनाव अकेले लड़ा था । मायावती 79 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और सभी हार गए । बसपा की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक भी सीट पर बसपा दूसरे नंबर पर भी जगह नहीं बना पाई है । 2019 में मायावती ने सपा के साथ चुनाव लड़ा था, तब मायावती को 10 सीटें मिली थीं, जबकि 2014 में मोदी लहर में मायावती ने अकेले चुनाव लड़ा था, तब भी वह शून्य पर सिमट गई थी ।
नोएडा से महेश शर्मा को मिली बड़ी जीत
नोएड से भाजपा प्रत्याशी महेश शर्मा ने यूपी में सबसे बड़ी जीत दर्ज की है । महेश शर्मा ने सपा प्रत्याशी महेंद्र सिंह नागर को 5 लाख 59 हजार वोट से हराया । सबसे छोटी जीत हमीरपुर के सपा प्रत्याशी अजेंद्र सिंह लोधी की रही । कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को महज 2629 वोट से हराया ।
फैजाबाद से 55 हजार वोटों से हारी भाजपा
नतीजों में भाजपा को कई झटके लगे हैं । लेकिन फैजाबाद का परिणाम सबसे चौंकाने वाला रहा है । अयोध्या के जिस राम मंदिर को भाजपा ने पूरे देश में मुद्दा बनाया था । वहां 10 साल बाद भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह 55 हजार वोटों से सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद से हार गए ।