
फतेहपुर । मलवां विकास के दूधीकगार मे नमामि गंगे योजना के तहत कृषि विभाग की सर्विस प्रोवाईडर ईश एग्रीटेक प्रा.लि. इंदौर मध्य प्रदेश द्वारा जैविक कृषि मेला का आयोजन किया गया । मेले में कृषि विज्ञान केंद्र थरियाव के पशु वैज्ञानिक डाक्टर संजय पांडेय ने फीता काटकर मेले का शुभारंभ किया । उन्होंने किसानो से पशुपालन के साथ गाय पालने पर जोर दिया ।
कृषि वैज्ञानिक डॉ० शिवमंगल सिंह ने बताया कि जैविक खेती करने से कम लागत में अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं । रासायनिक खाद एवं कीटनाशक कैमीकल दवाओं के प्रयोग से अतिरिक्त धन और स्वास्थ्य की हानि होती है । रोगों से बचने के लिए खेती करने में पुरानी पद्धति को दोबारा अपनाना पड़ेगा ।
प्राकृतिक किसान रामकांत तिवारी ने कहा जैविक कीटनाशक दवा तैयार करने के लिए पांच लीटर गोमूत्र,पांच किलो नीम की पत्ती, पांच किलो सदाबहार के पत्ते,पांच किलो अकऊआ के पत्ते,ढाई सौ ग्राम हल्दी,ढाई सौ ग्राम लाल मिर्च,एक किलो लहसुन,दो किलो तुलसी पत्ती,ढाई सौ ग्राम नीला थोता आदि चीजों को दस लीटर पानी में मिलाकर रख दें । इसके आठ दिन बाद यह कीटनाशक दवा बन जाएगी । इस प्रकार से हम केमिकल दबाओं से बच सकते हैं । वहीं मास्टर ट्रेनर वीरेंद्र यादव ने कहा कि मनुष्य एवं पशुओं से बचे अवशेषों को खेतों तक पहुंचाना होगा । तभी हम जैविक खेती के माध्यम से स्वयं को रोगों से बचा सकते हैं । मंच का संचालन आलोक गौड़ व अध्यक्षता शिवशंकर सिंह परिहार ने किया ।
इस मौके पर नोडल अधिकारी रंजीत कुमार कनौजिया,कृषि विभाग के तकनीकी सहायक प्रदीप कुमार,बृजेन्द्र सिंह,ईश एग्रीटेक प्रा.लि. के प्रोजेक्ट क्वार्डिनेटर जितेंद्र सिंह,अनिल मिश्रा,अरविंद जी,रामेंद्र पटेल,विपुल तिवारी,विवेक सिंह,आशीष कुमार,फूलसिंह यादव पूर्व प्रधान आदि लोग रहे ।