फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपनी प्रतिद्वंद्वी मरीन ले पेन की पार्टी नेशनल रैली की यूरोपियन यूनियन के चुनाव में बड़ी जीत के बाद देश में अचानक संसदीय चुनाव का एलान कर दिया है । ये चुनाव इस महीने के अंत में होंगे ।
एग्ज़िट पोल की मानें तो अति दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली को 32 फ़ीसदी वोट मिल सकता है । जो राष्ट्रपति मैक्रों की रेनेसॉ पार्टी के मुकाबले दोगुना है । रेनेसॉ पार्टी को 13 फ़ीसदी वोट मिलेंगे ।
देश की संसद को भंग करने की घोषणा करते हुए मैक्रों ने कहा कि चुनाव के लिए मतदान दो चरण- 30 जून और 7 जुलाई को होंगे ।
मैक्रों ने ये हैरान करने वाला एलान एक टेलीविज़न संबोधन में किया । यूरोपियन यूनियन में फ़्रांस की वोटिंग ख़त्म होने और एग्ज़िट पोल के नतीजे आने के बाद उन्होंने एलिसी पैलेस से ये एलान किया ।
इससे ठीक पहले नेशनल रैली के 28 साल के नेता जॉर्डन बार्डेला ने खुले तौर पर राष्ट्रपति से संसदीय चुनाव कराने का आह्वान किया था ।
मैक्रों ने अपने संबोधन में फ़्रांस की जनता से कहा- “मैंने आपका संदेश सुन लिया है और मैं इसे बिना जवाब दिए जाने नहीं दे सकता । फ़्रांस को शांति और सद्भाव से काम करने के लिए स्पष्ट बहुमत की ज़रूरत है । मैं ऐसे बर्ताव नहीं कर सकता कि कुछ नहीं हुआ है,मैंने तय किया है कि आपको चुनाव करने का मौक़ा दिया जाए,इसलिए मैं नेशनल असेंबली को आज रात ही भंग कर रहा हूं ।”
उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें यकीन है कि फ़्रांस के लोग आने वाली पीढ़ियों के लिए सही फ़ैसला करेंगे ।
मैक्रों के दूसरे कार्यकाल को पूरा होने में दो साल बचे हैं और सीधे तौर पर यूरोपियन यूनियन में हुए इस मतदान का देश की राजनीति पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ता लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से फ़ैसला लिया है कि बिना लोकप्रियता के अगर वो काम करते रहे तो इससे सिस्टम पर बहुत अधिक दबाव पड़ेगा ।
ले पेन जो दो बार मैक्रों से चुनाव में हार चुकी हैं । उन्होंने इस एलान के बाद तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी पार्टी “सत्ता में आने को तैयार है और वह बड़ी तादाद में हो रहे अप्रवासन पर रोक लगाने के लिए भी तैयार हैं ।”