
कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा । ब्लाक मुख्यालय पोड़ी उपरोड़ा में संचालित कृषि कार्यालय तक मुख्यमार्ग से प्रवेश देने वाला 700 मीटर का कच्चा रास्ता इन दिनों कीचड़ से सना हुआ है । हालात यह है कि इस कार्यालय में आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है । पैदल चलना जहां मुश्किल हो रहा है । वहीं हर दिन चारपहिया वाहन भी फंस रहे है । मांग के बाद भी इस ओर अधिकारी, जनप्रतिनिधि, नेता किसी ने अब तक ध्यान नही दिया । दूसरी ओर इस कार्यालय के आसपास रिक्त पड़े शासकीय भूमि पर भी तेजी से अतिक्रमण हो रहा है । जिस ओर राजस्व अधिकारियों का भी ध्यान नही है ।
कृषि कार्यालय शासन से संचालित एक ऐसा शासकीय संस्थान है ।जहां जनप्रतिनिधि,नेताओं का अक्सर आनाजाना लगा रहता है ।क्योंकि वे खुद एक किसान है । इसके अलावा कृषि संबंधित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु ब्लाक, जिले स्तरीय अधिकारियों का भी आवाजाही इस विभाग में लगा होता है । लेकिन इसके बाद भी 700 मीटर का कीचड़ से सराबोर रास्ता किसी के ध्यान में न जाना दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है । अधिकारी,जनप्रतिनिधि, नेताओं का कृषि कार्यालय तक पहुँचना इसी रास्ते से होता है पर किसी ने इस 700 मीटर कच्चे रास्ते के पक्कीकरण में अपनी सक्रियता नही दिखाई । इस स्थिति में गंदा पानी मार्ग पर बहता हुआ नजर आता है । इससे कीचड़ के हालात निर्मित हो गए है । बारिश के समय मे तो पूरा का पूरा रास्ता कीचड़ में डूब जाता है । तब कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों और खाद,बीज व कृषि उपकरण के लिए यहां आने वाले ग्रामीण किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है । किसी तरह बाइक तो चल जाता है । किंतु चारपहिया वाहन कीचड़ में फंस जा रहे हैं । जिस समस्या को लेकर स्थानीय अधिकारी- कर्मचारियों का कहना है कि मुख्यमार्ग से कृषि कार्यालय तक 700 मीटर के मुख्य रास्ते का कांक्रीटीकरण निर्माण कार्य के लिए अनेको बार ग्राम सरपंच, जनपद अधिकारी, जनप्रतिनिधियों व नेताओं को आवेदन/निवेदन किया गया लेकिन पक्का सडक़ बनवाने में किसी ने रुचि नहीं ली । जिसके कारण मार्ग की हालत बद्तर है । जिस कीचड़ भरे रास्ते से होकर वे तथा ब्लाक क्षेत्र के लोग कार्यालय तक पहुँचते है ।
शर्म आनी चाहिए जनप्रतिनिधियों व नेताओं को
कहने को तो पोड़ी उपरोड़ा क्षेत्र में अनेकों सत्तासीन व विपक्ष के नेता है, जो समय- समय पर अपनी उपस्थिति दर्शाते रहते है । वहीं जनप्रतिनिधि भी अन्य कार्यों में अपनी सक्रियता दिखाते है । जिन्हें शर्म आनी चाहिए कि किसान हित मे संचालित कृषि कार्यालय के 700 मीटर मार्ग का कायापलट नही करा पा रहे, जबकि इन जनप्रतिनिधि व नेताओ का खुद यहां आनाजाना लगा होता है । बावजूद इसके पक्के सड़क का निर्माण न होना इनके निष्क्रियता को दर्शित करता है । इसके अलावा पंचायत द्वारा भी ग्राम विकास पर प्रतिवर्ष लाखों रुपए खर्च किये जाते है,जगह- जगह सीसी रोड का निर्माण कराया जाता है, परंतु कृषि कार्यालय जाने रास्ता में पक्का सड़क निर्माण कार्य की दिशा में सार्थक पहल नही की जा रही है । इससे प्रदर्शित हो रहा है कि पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के शिकायत, सुझाव व विकास को लेकर यहां के अधिकारी,जनप्रतिनिधि व नेता कितने गंभीर है ।
शासकीय भूमि में अतिक्रमण कर निर्माण
कृषि कार्यालय से लगे शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर मकान निर्माण का काम तेजी से हो रहा है । जिस ओर भी राजस्व अधिकारियों का ध्यान नही है । जबकि जिस भूमि पर ग्रामीणों द्वारा कब्जा कर अवैध निर्माण कराया जा रहा है,उससे तकरीबन 150 से 200 मीटर की दूरी पर तहसील कार्यालय व एसडीएम कार्यालय संचालित है । बावजूद इसके शासकीय भूमि पर अतिक्रमण रोकने किसी प्रकार के प्रयास अबतक नही किये गए है । जिससे बेजा कब्जाधारियों के हौसले बुलंद है और वे बेशकीमती सरकारी जमीन पर कब्जा कर मकान निर्माण को बिना किसी भय के अंजाम दे रहे है । ऐसे में काफी बाद जब उक्त जमीन से कब्जा हटाने की बात आएगी तब संबंधित अधिकारियों के लिए यह सिरदर्द बनकर रह जाएगा ।