
वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र त्रिपाठी की खास रिपोर्ट
फतेहपुर । सरकारी योजनाओं को लेकर जनपद फतेहपुर में जिस कदर भृष्टाचार की बू आने लगी है । वह भाजपा सरकार के दामन को कलंकित कर रही है ।
जन लाभकारी योजनाओं को भले ही अभिलेखों में इमानदारी का स्टीकर लगा दिया गया हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है । ग्राम पंचायतों में सरकारी खजाने की लूट एवं भ्रष्टाचार की चादर ओढ़े जिम्मेदारों के आगे विकास खण्डों में लूट- घासोट, मनमानी तथा भ्रष्टाचार पर फिलहाल पर्दा पड़ा है । जिले के अधिकांश ब्लॉकों में ब्लॉक प्रमुख हाईजैक हैं और इसी का नतीजा है कि हाईजैकर जमकर मनमानी कर रहे हैं नियम विरुद्ध कामों को करने के आदी हो चुके ब्लॉक प्रमुख बोगस टेंडर प्रक्रिया एवं चहेतों खूब काम देने में आगे हैं । ऐसा ही मामला धाता विकास खण्ड का सामने आया है जहां भ्रष्टाचार का नमूना यह बताने के लिए काफी है कि अपनी मनमानी करतूतों को छिपाने के लिए भगवा ओढ़ चुके अधिकांश ब्लॉक प्रमुख खेल पर खेल कैसे करते जा रहे हैं ?
धाता ब्लॉक प्रमुख के गांव मंझनपुर भीमपुर में बिना काम के ही ₹28 लाख के करीब सरकारी खजाने को बाट लगा देने की हकीकत सामने आई है । इस भ्रष्टाचार पर कोई बोलने को तैयार नहीं है ।लेकिन धाता ब्लॉक में जो नमूना सामने आया है । कमोबेश भ्रष्टाचार की पैसुन्नी में भगवा ओढ़ अधिकांश ब्लॉक प्रमुख गोता लगा रहे हैं । एक के बाद एक विकास खण्डों की जांच की तफ्तीश इनकी करतूतों को उजागर करेगी ।
फतेहपुर जिले के 13 विकास खण्डों में भिटौरा,अमौली,ऐरायां,हंसवा व देवमई विकास खंड को अगर छोड़ दिया जाए तो कोई भी ऐसा विकास खंड नहीं है । जहां हकीकत में चुने गए ब्लॉक प्रमुख अपनी कुर्सी को संभाल रहे हों । वहां सत्ताई चोला ओढ़े हाईजैकर या फिर उनके पति नित नए खेल पर खेल करते जा रहे हैं ।
मानकों के विपरीत मनमाने तरीके से काम करना उनकी आदतों में कुछ यूं शुमार हो गया है कि शायद इन्हें भय इस बात का है ही नहीं कि जांच की आंच से वह कौन प्रभावित होने वाले हैं ?
भ्रष्टाचार छोटा हो या बड़ा मजबूत फंदा फंसा तो जान तो किसी दूसरे की ही जानी है । क्षेत्र पंचायत के होने वाले कामों में बोगस टेंडर प्रक्रिया एवं में चहेती फर्मों में धनराशि का भुगतान और फिर कमीशन के बंदरबांट से या तो जिले के आला अफसर बेफिक्र हैं और उन्हें यहां बड़े पैमाने पर चल रहे खेल की जानकारी नहीं है या फिर पर्दे के पीछे एवं आगे से विकास की उन्हें वह तस्वीर दिखाई जा रही है जो हकीकत में है ही नहीं ।
धाता विकास खंड का ऐसा ही एक मामला सामने आया है । जहां बिना काम के ही 28 लाख रुपए के करीब धनराशि को खुर्द-बुर्द कर दिया गया ब्लॉक प्रमुख के गांव मंझनपुर भीमपुर में सुलभ शौचालय के निर्माण के लिए 744000 का 10 नवंबर 2021 को टेंडर तो निकल गया लेकिन यह काम कहां हुआ । किसी को ढूंढे नहीं मिल रहा ।
इतना ही नहीं 5 जुलाई 2023 को निकाले गए टेंडर में ब्लॉक प्रमुख के ही गांव में सामुदायिक शौचालय के निर्माण के लिए ₹07 लाख से, बब्बू चौरसिया के घर के पास सोलर पंप की स्थापना ₹407000 तथा ₹990000 की कीमत से दुकानों के निर्माण के अलावा गांव के पश्चिमी गडही से नहर तक नाला निर्माण कराए जाने की जानकारी तो है । लेकिन यह काम हुए कहां इसे बताने वाला कोई नहीं है ।
खबर तो यह भी है कि ग्राम पंचायत के बनाए गए एक शौचालय को ही जांच के दौरान दिखाने का काम किया जाता है जबकि एक अधिवक्ता द्वारा अपनी निजी जमीन पर बनाई गई दुकानों जिसका किराया वह स्वयं ले रहे हैं । उन्हें भी जांच के दौरान क्षेत्र पंचायत से बनाई गई दुकानें बताई जा रही हैं क्षेत्र पंचायत परिसर के अंदर लगे इंटरलॉकिंग को हटाकर नई इंटरलॉकिंग लगाने के काम में भी बड़ा खेल कर दिया गया । क्षेत्र पंचायत के होने वाले भुगतान सागर इंटरप्राइजेज के नाम से किए जा रहे हैं ।
जांच केवल धाता ही नहीं बल्कि भ्रष्टाचार एवं कमीशन के खेल में फंसे ब्लॉक प्रमुख, खंड विकास अधिकारी एवं उनके कर्ताधर्ता पाक -साफ बनकर सरकारी खजाने को दीमक की तरह चट कर रहे हैं । भ्रष्टाचार की दीमक को मारने से पहले ही ब्लॉक प्रमुख के हाई जैकरों ने सत्ताई चादर ओढ़ ली है । खेल हो कुछ भी लेकिन क्षेत्र पंचायतों के भ्रष्टाचार की कड़ियां अब खुलती नजर आएंगी ।