
फतेहपुर । पुराणों में उल्लिखित छोटी काशी,गौरी कुमारिका के नाम से विख्यात मीरा के गिरधर गोपाल वाले स्थान से अपनी पहचान को स्थापित किए मलवा विकास खंड के गंगा किनारे बसे शिवराजपुर का ढाई सौ साल पुराना रसिक बिहारी मंदिर अब सवर रहा है । रंग रोगन से यहाँ की खूबसूरती मे निखार आ रहा है । पर्यटन विभाग की पहल पर डेढ़ करोड़ के खर्चे से मंदिर को संवारने का काम भी शुरू हो गया । शिवराजपुर में जमीदार हर प्रिया शरन ने रसिक बिहारी मंदिर को बनवाया था ।
बताया जाता है कि मंदिर ढाई सौ साल पुराना है । मीराबाई द्वारा 15वीं शताब्दी में गिरधर गोपाल की मूर्ति स्थापना के बाद से शिव राजपुर कृष्ण भक्ति का केंद्र रहा है । यूं तो गंगा के किनारे बहुत से मंदिर है । लेकिन शिवराजपुर को छोटी काशी का भी गौरव प्राप्त है । पुरातत्व विभाग ने अपने कब्जे मे लेकर इसे संरक्षित स्थल घोषित किया । विभाग ने इस मंदिर को नायाब तकनीक व मंदिर संरक्षण का शासन को प्रस्ताव भेजा था । जिसे सरकार ने स्वीकार किया और डेढ़ करोड़ रुपए की पूंजी की मंजूरी दे दी । पुरातत्व निदेशालय की निदेशक रेणु द्विवेदी ने मंदिर के अभिलेखी करण, अनुरक्षण ड्राइंग और डीपीआर बनाने के लिए उत्कृष्ट हेरिटेज कंसल टेंट कंसलटेंट कंपनी नियुक्त की थी वह कंपनी मंदिर का सर्वे करने के बाद लिखित दस्तावेज एकत्र कर पुरातत्व विभाग को अपनी रिपोर्ट सौपी जिसके बाद मंदिर के लिए धन आवंटित किया गया ।
मंदिर के जीर्ण शीर्ण भाग के मरम्मतिकरण का सत्तर प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है । टीकमगढ़ मध्य प्रदेश के कारीगर यहां पर तेजी से कार्य कर रहे हैं । टूटे-फूटे स्थलों को पुनः विकसित किया जा रहा है एवं पूर्व से अत्यधिक सुंदर मंदिर बने इसके लिए भी जोर दिया जा रहा है । यहां ठेकेदार एवं सुपरवाइजर अपनी देखरेख में कार्य करा रहे हैं एवं जिलाधिकारी द्वारा नियुक्त एक व्यक्ति इसकी निगरानी भी कर रहा है । पर्यटन विभाग मंदिर के सवरने के बाद इसको पर्यटको के लिए खोलेगा । जहां पर विलेज कोऑर्डिनेटर भी नियुक्त कर दिया गया हैं ।