
बिन्दकी/फतेहपुर । बिना परीक्षण के स्नैक फोबिया बताने वाली मुख्य चिकित्साधिकारी की टीम के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग जिलाधिकारी से सर्प दंश के शिकार रहे विकास द्विवेदी ने एक शिकायती पत्र देकर की है ।
मालूम हो कि ग्राम सौंरा निवासी विकास द्विवेदी को सर्प ने आठ बार काटा था । जिसका हर बार राम सनेही हास्पिटल में हुआ था ।
शिकायतकर्ता विकास द्विवेदी ने स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम पर आरोप लगाया है जिस दिन टीम ने जांच रिपोर्ट दी है वह फतेहपुर में था ही नहीं तो किसकी जांच कर स्नैक फोबिया का शिकार बता दिया गया ।
विकास द्विवेदी का कहना है कि उसे अस्पताल में सात बार सेंटी वेनम इंजेक्शन दिया गया है । अगर सर्प ने नहीं काटा होता और सेंटीवेनम इंजेक्शन दिया जाता तो मरीज की मौत हो जाती ।
विकास द्विवेदी का कहना है कि इलाज के सभी पर्चे उसके पास मौजूद है । इलाज में हर बार 70 से 80 हजार के बीच खर्च हुए हैं । कुल मिलाकर लगभग 8 से 9 लाख के बीच खर्च हुए हैं ।
विकास द्विवेदी ने शिकायती पत्र मे यह भी बताया है कि उसने गत 27 अगस्त 2024 को भी एक पत्र देकर फर्जी रिपोर्ट देने वाली स्वास्थ्य टीम के खिलाफ जांच कराकर कार्यवाही की मांग की थी लेकिन अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है ।
इस मौके पर समाधान दिवस पर मौजूद मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० राजीव नयन ने बताया कि विकास स्नैक फोबिया से ग्रस्त हैं क्योंकि सांप काटने से एक बार में व्यक्ति घबरा कर अटैक का शिकार हो सकता है लेकिन सात बार सांप काटने की बात पूरी तरह से गलत है ।