
फतेहपुर । उप्र में संविदा पर नियुक्त 36 हज़ार ग्राम रोजगार सेवकों को नियमित कर राज्य कर्मचारी का दर्जा देने सहित 10 सूत्रीय मांगों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया है । जिसमे वर्ष 2006 से मनरेगा योजनान्तर्गत ग्राम रोजगार सेवक (पूर्ववतीं पंचायत मित्र) प्रदेश की ग्राम पंचायतो में विगत 17 वर्षों से संविदा पर कार्यरत हैं । जिन्हें मनरेगा योजना की धनराशि के प्रशासनिक मद से मानदेय भुगतान की व्यवस्था है । प्रदेश को प्रत्येक ग्राम पंचायत की भौगोलिक स्थिति अलग-अलग है । जिस कारण किसी ग्राम पंचायत में कार्य का स्कोप अधिक है तो किसी में कम है तथा मनरेगा भाग परक योजना है ।
इसी कारण प्रत्येक ग्राम रोजगार सेवक को प्रशासनिक मद की अनुमन्य धनराशि से प्रत्येक माह समय से भुगतान नहीं हो पाता । नियमित समय से मानदेय भुगतान हर कार्मिक का अधिकार है । यदि सरकार द्वारा एक सहायक सचिव/ग्राम विकास सहायक का पद सृजित करके संविदा पर नियुक्त ग्राम रोजगार सेवकों को समायोजित कर दिया जाये तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में सचिव की उपलब्धता भी हो जायेगी । साथ ही साथ ग्राम रोजगार सेवक की लम्बे समय से की जा रही नियमितीकरण की मांग भी पूरी हो जायेगी ।
उ०प्र० में ग्राम रोजगार सेवको का मासिक मानदेय 10,000/- रू० प्रतिमाह ई०पी०एफ० नियोक्ता अंश सहित निर्धारित है । जबकि भारत के कई राज्यों में ‘समूह ग’ के कर्मचारियों के समान वेतन भुगतान व ग्रेड पे की व्यवस्था है इसलिए उ०प्र० में भी ग्राम रोजगार सेवको के लिए ‘समूह ग’ के राज्य कर्मचारियों की भाँति समान वेतन,भत्ते ,बोनस इत्यादि दिया जाना चाहिए अथवा श्रम विभाग द्वारा जारी कुशल कामगारों के लिए जारी शासनादेश के अनुरूप 24000 रू0 प्रतिमाह मानदेय की व्यवस्था की जाये । उपरोक्त विषम परिस्थितियों के दृष्टिगत ग्राम रोजगार सेवकों की निम्नलिखित मांगों/समस्याओं का समाधान किया जाना उचित होगा ।
ग्राम पंचायतों में सहायक सचिव /ग्राम विकास सहायक का पद सृजित कर ग्राम रोजगार सेवकों को समायोजित करते हुए राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाये । आप द्वारा 04 अक्टूबर 2021 को लखनऊ के डिफेन्स एक्सपो मैदान में की गयी । घोषणा के क्रम में रोजगार सेवकों के भविष्य को सुरक्षित करने हेतु मानव संसाधन नीति (ए०आर० पालिसी) एवं रोजगार सेवकों की सेवा समाप्ति के पूर्व श्रम उपायुक्त मनरेगा की सहमति ली जाये एवं न्यूनतम मानदेय 24,000/- रूपये प्रतिमाह की व्यवस्था किया जाय ।
भाजपा शासित राज्यों में (राजस्थान,उड़ीसा,हिमांचल प्रदेश) के तर्ज पर ग्राम रोजगार सेवकों को नियमित किया जाय । मासिक मानदेय भुगतान हेतु पृथक बजट की व्यवस्था का प्राविधान किया जाये अथवा मानदेय भुगतान योजना मद से किया जाये । ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों का पोमवर्ड भुगतान का प्रथम डोंगल हस्ताक्षरकर्ता के रूप में ग्राम रोजगार सेवकों को दिया जाये साथ ही साथ जहां रोजगार सेवक सम्बद्ध है । वहां पर पासवर्ड आईडी रोजगार सेवकों को दिया जाय । ग्राम रोजगार सेवकों के जॉब चार्ट में अन्य कार्य जोड़ते हुए विभागीय कर्मी घोषित किया जाये । मनरेगा कार्यों की बेहतर मानीटरिंग के लिए उच्च गुणवत्ता वाले एंड्रायड मोबाइल फोन उपलब्ध कराये जाने एवं डाटा रिचार्ज दिया जाये । 04 अक्टूबर 2021 की घोषणा के क्रम में उ०प्र० राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की भाँति 20 दिन का आकस्मिक अवकाश एवं चिकित्सा अवकाश 12 दिनों की व्यवस्था का आदेश जारी किया जाये । ग्राम रोजगार सेवकों का न्याय पंचायत पर स्थानान्तरण की व्यवस्था को लागू किया जाये ।
ग्राम रोजगार सेवकों के परिवार के मृतक आश्रित का शासनादेश स्पष्ट जारी किया जाये । उपरोक्त मांगों/समस्याओं के निदान के लिए 04 अक्टूबर 2024 जिला यदि मांगे अतिशीघ्र पूरी न हुई तो दीपावली बाद लखनऊ में एक वृहद् आन्दोलन करने के लिए संगठन बाध्य होगा ।
इस अवसर पर आदित्य कुमार सिंह चौहान,राकेश कुमार,शिव प्रताप मौर्य ब्लॉक अध्यक्ष हसवा, आशीष सिंह ब्लॉक अध्यक्ष विजईपुर, अकरम खान ब्लॉक अध्यक्ष खजुआ, शैलेश कुमार ब्लॉक अध्यक्ष अमौली, राजेश कुमार ब्लॉक अध्यक्ष भिटौरा, लालू प्रसाद ब्लॉक अध्यक्ष,राकेश कुमार तिवारी,बाबा सज्जन पटेल अध्यक्ष देवमई,शंकर प्रसाद तिवारी,ज्ञानवीर सिंह ब्लॉक अध्यक्ष ऐराया,गिरजा सोनी ब्लॉक अध्यक्ष मालवा सहित अन्य लोग मौजूद रहे ।