
बिन्दकी/फतेहपुर । जनपद के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा क्योंकि विकासखंड अमौली के बुढ़न्दा गांव में जन्मे संत शिरोमणि पंचदश नाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अनंत श्री विभूषित स्वामी आत्मानंद गिरी जी महाराज का महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक के बाद जन्मभूमि क्षेत्र में प्रथम आगमन पर आम जनमानस में जगह-जगह पर भव्य स्वागत किया ।
संत श्री ने नोन नदी के तट पर स्थित अखंड परम धाम गूढ़ेश्वर में भक्त समूह के साथ अभिषेक कर कार्यक्रम की शुरुआत की । इसके बाद उनके सानिध्य में चौमुख धाम शिव मंदिर में रुद्राभिषेक कर्म संपन्न हुए । इसके बाद संत श्री ने परिषदीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुलखेड़ा के मेधा अलंकरण समारोह में सहभागिता की जहां पर उन्होंने नन्हे मुन्ने बच्चों एवम शिक्षकों को पुरस्कार व उपहार देकर सम्मानित किया ।
उपस्थित समुदाय को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर श्री आत्मानंद गिरी जीने कहा कि जो कुछ भी आज मैं हूं वह पूज्यनीय माता पिता जी और गुरुदेव की कृपा से हूं । उन्होंने विद्यालय की तुलना सिंधु से की और कहा की यह छात्र रूपी असंख्य मणियों का केंद्र है । यदि कोई शिष्य गुरु को अपना सर्वस्व मान ले तो वह समाज का मुकुट बन सकता है । आज हम जो कुछ है हमारे साथ पूरा देश और सरकारें खड़ी हैं । किंतु हमारे बनाने में शिक्षकों का अतुलनीय योगदान है ।
आयोजक शिक्षक उमेश कुमार त्रिवेदी,रिभु मिश्रा,अभिषेक कुशवाहा, शिव गोपाल तिवारी,राजेंद्र दीक्षित ने महामंडलेश्वर एवम वरिष्ठ संत समाज को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित कर भव्य स्वागत किया । आयोजक शिक्षक में संत शिरोमणि एवं समस्त आगंतुक अतिथियों,अभिवावकों का उपस्थिति हेतु आभार जताया तो कार्यक्रम में विद्यालय परिवार के साथ प्रदीप तिवारी,डा प्रशांत पांडेय,संतोष गुप्ता,चंद्रपाल पांडेय,बबलू पांडेय,अमित बाजपेई बालू त्रिवेदी,बउआ तिवारी,विमलेश तिवारी,दीपा वर्मा,राजेश कुमार,सरोज सोनकर पुनीत तिवारी सहित अभिभावक,भक्त,शिष्य एवं बच्चे उपस्थित रहे । वही जगदंबा इंटर कॉलेज अमौली में समाज सेवी शिक्षाविद श्री नारायण तिवारी के नेतृत्व में विद्यालय परिवार ने संत श्री का भव्य स्वागत किया ।