
प्रदेश में 17 लाख से अधिक लंबित मामले हैं । जिन्हें निपटाने के लिए प्रशासन अपनी तैयारियों में जुट गया है । इसके लिए गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय ने विशेष अभियान शुरू किया है । साथ ही सरकारी अधिकारियों पर भी सख्ती बरतने की तैयारी है । कोर्ट में गवाही देकर पलटने वाले सरकारी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी साथ ही बर्खास्तगी की भी अनुशंसा की जाएगी ।
पटना । राज्य में 17 लाख से अधिक कांड लंबित हैं, जिसमें कमी लाने के लिए गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय ने विशेष अभियान शुरू किया है । इसके तहत पुलिस, अभियोजन समेत सभी स्टेक होल्डरों की बैठक की गई है । इसके अलावा सभी जिलों को 10 से 12 बड़े आपराधिक कांडों को चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है । जिनका स्पीडी ट्रायल चलाकर निष्पादन किया जाएगा ।
बयान से पलटने पर कार्रवाई
अभियोजन स्तर पर कांडों के निष्पादन में तेजी आए, इसके लिए गवाही देकर मुकरने वालों पर भी कड़ा एक्शन लिया जाएगा । कोर्ट में गवाही देकर पलटने वाले सरकारी कर्मियों व अधिकारियों के विरुद्ध बर्खास्तगी तक की अनुशंसा की जाएगी इसके लिए सीआइडी के डीआइजी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है, जो प्रशासनिक कार्रवाई करेगी ।
शुक्रवार को सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी और डीजीपी विनय कुमार ने इसकी जानकारी दी । प्रेस वार्ता में एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन, सचिव प्रणव कुमार के साथ विशेष सचिव केएस अनुपम भी शामिल रहीं ।
– प्रधान सचिव ने बताया कि स्पीडी ट्रायल में गति लाने के लिए सभी 40 पुलिस जिलों को चार भागों में बांटकर हर सप्ताह 10-10 जिलों की समीक्षा शुरू की गई है ।
– इस साल जुलाई में 17 लाख 61 हजार लंबित कांड थे, जो अब घटकर 17 लाख 57 हजार तक आ गए हैं ।
– जितने नए केस आ रहे हैं, उससे दोगुने के निष्पादन का टॉस्क दिया गया है ।
– इसके लिए प्रत्येक जिलों को 10-11 प्रशिक्षित नए अभियोजन पदाधिकारी भी दिए गए हैं ।
– पराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) के साथ डीजीपी खुद स्पीडी ट्रायल से जुड़े कांडों की गहनता से मानीटरिंग कर रहे हैं ।
– नए साल में इसमें बेहतर प्रगति देखने को मिलेगी ।