
फतेहपुर । विकास खण्ड मलवा के प्राथमिक विद्यालय मदोकीपुर में नोडल शिक्षक संकुल विपिन पटेल के अगुवाई में शिक्षक संकुल नरेंद्र तिवारी,लीना जैसवारा, कल्पना द्विवेदी, हर्षिता सिंह की उपस्थिति में विभाग द्वारा प्राप्त दिशा निर्देशों एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी मलवा डॉ0 विनोद कुमार के मार्गदर्शन में बैठक सम्पन्न हुई और डीसीएफ भरा गया ।
इस अवसर पर पूर्व ए आर पी एवं मौहार न्याय पंचायत के प्रभारी डॉ0 सुनील कुमार तिवारी का बहुत ही हर्षोल्लास के साथ स्वागत एवं गिफ्ट प्रदान किये गए । सभी स्कूलों के शिक्षकों/शिक्षिकाओं ने डॉ0 सुनील कुमार तिवारी के कार्य,व्यवहार एवं सहयोग की सराहना किया ।
डॉ0 सुनील तिवारी ने अपने उदबोधन में बताया कि बेसिक शिक्षा में स्कूल_रेडीनेस_कार्यक्रम, जिसे “विद्या प्रवेश” के नाम से भी जाना जाता है यह एक विशेष पहल है जो कक्षा 1 में नवप्रवेशी बच्चों को स्कूल के माहौल और औपचारिक शिक्षा के लिए तैयार करने के उद्देश्य से शुरू की गई है ।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत निपुण भारत मिशन का हिस्सा है,जिसका लक्ष्य बच्चों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल विकसित करना है । स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम 12 सप्ताह (लगभग 3 महीने) का खेल-आधारित और गतिविधि-आधारित कार्यक्रम है । जो कक्षा 1 में प्रवेश करने वाले बच्चों को उनके पहले शैक्षिक अनुभव के लिए तैयार करता है । यह उन बच्चों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जिन्हें प्री-स्कूल या पूर्व-प्राथमिक शिक्षा का कोई अनुभव नहीं होता । इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को स्कूल के वातावरण में ढालना, सहपाठियों के साथ सामंजस्य स्थापित करना और सीखने की प्रक्रिया को आनंदमय बनाना है इस कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य स्वास्थ्य और स्वच्छता बच्चों में अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छता की आदतें विकसित करना है ।
प्रभावी संप्रेषण बच्चों के संवाद कौशल को मजबूत करना । सीखने की तैयारी: बच्चों को अपने परिवेश से जोड़ते हुए सक्रिय और जिज्ञासु शिक्षार्थी बनाना है ।
भाषा संख्याओं की समझ और पर्यावरण के प्रति जागरूकता जैसे आधारभूत कौशल सिखाना । पहले 8 सप्ताह में खेल, कहानियाँ, कविताएँ, चित्र और अन्य रचनात्मक गतिविधियों के जरिए बच्चों को तैयार किया जाता है । अगले 4 सप्ताह में उनकी प्रगति का आकलन और शिक्षण को औपचारिक पाठ्यक्रम से जोड़ा जाता है ।
अभिभावकों के साथ बैठकें आयोजित की जाती हैं ताकि उन्हें बच्चों की प्रगति से अवगत कराया जा सके ।
इसके लिए प्रत्येक स्कूल में एक शिक्षक को नोडल शिक्षक को नियुक्त किया जाता है । जो इस कार्यक्रम को संचालित करने और बच्चों का आकलन करने के लिए जिम्मेदार होता है । यह कार्यक्रम बच्चों के लिए स्कूल को एक सकारात्मक और मनोरंजक स्थान बनाता है । जिससे उनकी सीखने की नींव मजबूत होती है । यह भी सुनिश्चित करता है कि बच्चे कक्षा 1 के पाठ्यक्रम को समझने के लिए तैयार हों,खासकर वे बच्चे जो बिना किसी तैयारी के स्कूल में आते हैं । अभिभावकों और समुदाय की सहभागिता से बच्चों के प्रति जागरूकता बढ़ती है ।
बैठक में बाल वाटिका अभियान,स्कूल रेडीनेस फेज 2, दीक्षा पोर्टल के माध्यम स्कूल रेडीनेस कोर्सेज,कक्षा 2 से 8 तक 3 सप्ताह का रेमेडियल शिक्षण कार्यक्रम,नवीन नामांकन लक्ष्य को पूर्ण करना,स्कूल चलो अभियान की रैली निकालना,संचारी रोग,पुस्तक वितरण आदि पर विस्तृत चर्चा करके समझ विकसित की गयी ।
इस अवसर कल्पना द्विवेदी,शिखा खत्री,सरस्वती यादव, मीना वर्मा, रेखा,शालिनी,दीप्ति, निधि, प्रेमलता, प्रियंका चौहान,बीना, हर्षिता, त्रिवेश, मदन,लीना जैसवारा, प्रियंका मौर्य, अनामिका वर्मा, साधना पटेल, शैलेन्द्र कुमार यादव, अंजुलता, शगुफ्ता परवीन, सरिता अवस्थी,संगीता,शशि प्रभा,सुनीता,कल्पना,अनिल, अंजू,रोशनलाल, पम्मी शुक्ला सहित अन्य सभी स्कूलों के शिक्षक/शिक्षिकाएं शामिल रहीं है अंत में प्रधानाध्यापिका अनामिका वर्मा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया ।