
दिल्ली सरकार ने अपने उस आदेश को वापस लेने के लिए निर्देश जारी किये हैं जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के जजों, अन्य न्यायिक अधिकारियों और उनके परिवार वालों के लिए दिल्ली के अशोका होटल के सौ कमरों को कोविट केयर सेंटर में तब्दील करने की बात कही गई थी ।
दिल्ली सरकार का यह फ़ैसला दिल्ली हाईकोर्ट की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जजों के लिए फ़ाइव स्टार होटल में कोविट केयर सेंटर की कोई मांग नहीं की गई थी ।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हमने कभी भी दिल्ली के अशोका होटल में जजों के लिए स्पेशल कोविड सुविधा की मांग नहीं की थी ।
इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए अदालत ने कहा- “हम ये सोच भी नहीं सकते कि एक संस्थान के तौर पर हम कोई बेहतर सुलूक चाहेंगे । दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि वो अशोक होटल में कोर्ट के जजों और उनके परिजनों के लिए 100 कमरे देने के अपने फ़ैसले को तुरंत वापस ले ।”
Issued directions to withdraw order to set up COVID care facility for judges at Ashoka Hotel: Delhi Dy CM Manish Sisodia
— Press Trust of India (@PTI_News) April 27, 2021
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हमने सिर्फ़ ये कहा था कि अगर एक न्यायिक अधिकारी या एक जज या उनके परिजन कोरोना से संक्रमित होते हैं, जो उन्हें अस्पताल में जगह मिलनी चाहिए ।
हमारी चिंता उन न्यायिक अधिकारियों को लेकर थी, जो अदालतों को संभालते हैं ।
हमने पहले ही दो अधिकारियों को खो दिया है ।
दिल्ली सरकार को डाँट लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि आपने इस तरह का विवाद क्यों खड़ा किया, ऐसा लग रहा है मानों हमने विशेष सुविधा की मांग की थी ।
हालाँकि दिल्ली सरकार ने कहा कि इसके पीछे कोई दुर्भावना नहीं थी । मीडिया ने ऐसी धारणा बना दी ।
दिल्ली सरकार ने अदालत को ये भी जानकारी दी कि शहर के कई होटलों को कोविड केयर सुविधा में तब्दील किया गया है और उन्हें अलग अलग अस्पतालों से जोड़ा गया है ।