
तेलंगाना में संक्रमण दर तेज़ी से बढ़ रहा है । हर दिन राज्य में 6000 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं । 26 अप्रैल तक राज्य में कुल संक्रमण की संख्या चार लाख से ज्यादा हो चुकी है जिसमें से 3.40 लाख लोगों से रिकवर कर लिया है ।
26 अप्रैल की रात 8 बजे तक कुल मरने वालों की संख्या 2094 है । राज्य में 35 लाख लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक मिली है और पांच लाख लोगों को दूसरी खुराक़ भी मिल गई है ।
अब तक राज्य में ऑक्सीज़न की कमी नहीं है लेकिन रेमडेसिवीर जैसी दवाएं खरीदना लोगों के लिए मुश्किल साबित हो रहा है ।
सरकार का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में इस दवा का ज़रूरी स्टॉक है लेकिन छोटे-मझोले अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीज़ों के परिजनों के लिए ये दवा तलाशना मुश्किल साबित हो रहा है । ऐसे में वे मंहगी कीमत देकर काले बाज़ार से ये दवाएं खरीद रहे हैं ।
ठीक इसी तरह सरकार दावा कर रही है कि अस्पतालों में बेड हैं लेकिन लोगों को ऑक्सीज़न वाले बेड आसानी से नहीं मिल रहे । दूसरी ओर एक तेलगू अख़बार ने रिपोर्ट छापी है कि तेलंगाना सरकार मरने वालों के आंकड़े कम बता रही है ।
कोविड संक्रमण यहाँ भी एक राजनीति मुद्दा बन गया है ।राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया है कि तेलंगाना को रेमडेसिवीर की कम खुराक़ दी गई है साथ ही ऑक्सीज़न जहां से लाई जानी है वो जगहें तेलंगाना से काफ़ी दूर हैं ।उन्होंने कहा है कि अगर राज्य में ऑक्सीज़न की कमी होती है तो इसकी ज़िम्मेदार केंद्र सरकार होगी ।
इसके अलावा विपक्षी पार्टियों के विरोध के बाजूद तेलंगाना चुनाव आयोग खामम और वारंगल जैसी कई जगहों पर निकाय चुनाव करा रहा है । ऐसे में कोरोना को लेकर जारी नियमों और पाबंदियों पर कैसे अमल कराया जाएगा ये आने वाला वक्त बताएगा ।
इस वक्त राज्य में केवल नाइट कर्फ्यू लगाया गया है । राज्य में कोरोना से निपटने के लिए 11 आईएएस अधिकारियों का एक समूह चौबीसों घंटे काम कर रहा है ।