
अमेरिकी और यूरोपीय शेयर मार्केट में बुधवार को तेज़ी दर्ज की गई और कच्चे तेल की क़ीमते 110 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गईं ।
यूक्रेन पर रूस के हमले का आठवां दिन है और इसके कारण सेंट्रल बैंकों के लिए बढ़ती मुद्रास्फ़ीति को नियंत्रित करना एक चुनौती बन गई है ।
सोने की क़ीमतों में गिरावट दर्ज की गई है और अमेरिकी ट्रेज़री में बीते आठ सप्ताह के निचले स्तर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है ।
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फ़ेडरल रिज़र्व ने बीते बुधवार को इस महीने नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने की घोषणा की है ।
फ़ेडरल बैंक के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने बुधवार को अपनी घोषणा में कहा कि इस महीने फ़ेडरेल रिज़र्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना शुरू कर देगा ।
अमेरिका में मुद्रास्फ़ीति के बढ़ते स्तर के कारण फ़ेडरल बैंक के इस क़दम को लेकर पहले से ही आशंका जताई जा रही थी ।
हालांकि पॉवेल ने इसका ज़्यादा संकेत नहीं दिया कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी कितनी तेज़ी से करेगा ।
2018 के बाद फ़ेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में बढ़ोतरी का पहला मौक़ा होगा ।
अमेरिका में जनवरी में मुद्रास्फ़ीति की दर 12 महीने पहले की तुलना में बढ़कर 7.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है । यह मुद्रास्फीति का चार दशक का सबसे ऊंचा स्तर है ।
हालांकि पॉवेल ने यह भी कहा कि यूक्रेन में युद्ध की स्थिति के कारण अमेरिकी नीति-निर्माताओं के लिए परिस्थितियां बेहद अनिश्चित हैं ।
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की ख़बर के अनुसार, बुधवार को पॉवेल ने बताया कि इस महीने 25 बेस प्वाइंट की बढ़त देखने को मिल सकती है ।
गैस की क़ीमत यूक्रेन संकट के कारण पिछले सात सालों में सबसे ज़्यादा हो गई है । हाल के वर्षों में रूस और सऊदी की साझेदारी में नाटकीय रूप से बढ़ोतरी हुई है । रूस और सऊदी अरब दोनों दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक देश हैं और निर्यात के फ़ैसलों पर इनका नियंत्रण होता है ।