
कर्नाटक में मंगलवार की रात से 14 दिनों का लॉकडाउन लग गया है । हालांकि इस दौरान सुबह 6 बजे से 10 बजे तक की छूट दी गई है ताकि लोग ज़रूरत की चीज़े ख़रीद सकें । बीते 24 घंटों में राज्य में 31,830 नए केस सामने आए हैं और 180 लोगों की मौत हुई है ।
राज्य के कुल संक्रमण मामले का सबसे बड़ा हिस्सा बेंगलुरु से सामने आया है जहां 24 घंटे के भीतर 17,550 नए मामले रिपोर्ट हुए हैं ।
राज्य की भाजपा सरकार को तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) के सुझाव मानने पर मजबूर होना पड़ा । दरअसल विशेषज्ञ वायरोलॉजिस्ट, महामारी विज्ञानियों और अन्य जानकारों के एक पैनल ने ये सिफ़रिश की थी कि बढ़ते संक्रमण को रोकने में लॉकडाउन ही मदद कर सकता है जिसके बाद राज्य में लॉकडाउन का फ़ैसला किया गया ।
सरकारी और निजी में बेड उपलब्ध नहीं हैं, ऑक्सीज़न की भारी कमी है और ज़रूरी दवा का भी अभाव है, बताया जा रहा है कि 500 से 700 लोग अस्पतालों में बेड खोज रहे हैं । बीते 24 घंटों में लॉकडाउन से ठीक पहले कर्नाटक में बड़ा पलायन देखा गया जहां लोग बड़े शहर छोड़ कर अपने गांवों और कस्बों के लिए निकल पड़े ।