
कानपुर : सरसौल कस्बे में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । आज बुधवार को सरसौल में बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण को लेकर रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष रानू शुक्ला ने दीप प्रज्ववलित एवं मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके शुभारंभ किया । मुख्य अतिथि ने छात्राओं को संबोधित करते हुए रानी लक्ष्मीबाई के बारे में संबोधन में कहा कि रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झांसी राज्य की रानी और 1857 की राज्यक्रान्ति की द्वितीय शहीद वीरांगना थी । उन्होंने सिर्फ 29 वर्ष की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुई ।
बताया जाता है कि सिर पर तलवार के वार से रानी लक्ष्मी बाई शहीद हुई । देश की वसुंधरा को गौरवान्वित करने वाली झांसी की रानी वीरांगना लक्ष्मीबाई वास्तविक अर्थ में आदर्श वीरांगना थी । उन्होंने कहाकि सच्चा वीर कभी आपत्तियों से घबराता नही है । महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म काशी में 19 नवंबर 1835 को हुआ । इनके पिता मोरोपंत ताम्बे चिकनाजी अप्पा के आश्रित थे । इनकी माता का नाम भागीरथी बाई था । महारानी के पितामह बलवंत राव के बाजीराव पेशवा की सेना में सेनानायक होने के कारण मोरोपंत पर भी पेशवा की कृपा रहने लगी । लक्ष्मीबाई अपने बाल्यकाल में मनुबाई के नाम से जानी जाती थी ।
आज के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रानू शुक्ला ने विद्यालय के समस्त परिवार को धन्यवाद दिया । इस मौके पर रानू शुक्ला, एवं समस्त शिक्षकगण व छात्राएं उपस्थित रहीं ।