
फतेहपुर : मलवां विकास खंड के पहुर में आयोजित रामलीला के दूसरे दिन धनुष भंग लीला का मंचन करते हुए कलाकारों ने मन मोह लिया ।
दिखाया कि राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता का विवाह करने के लिए स्वयंवर का आयोजन किया । उन्होंने देश-विदेश के राजाओं को आमंत्रित किया । कोई भी राजा शिव जी के धनुष को उठाना तो दूर हिला तक न सका । पुत्री का विवाह होता न देख निराश हो जनक करुण विलाप करने लगे और कहा कि अब जनि कोऊ माखै भट मानी,वीर विहीन मही मै जानी…. कहकर राजाओं को झकझोर दिया । उनके शब्दों को सुन लक्ष्मण उत्तेजित हो जाते हैं । जिन्हें श्रीराम ने शांत करते हुए कहा कि लखन तुम व्यर्थ में क्यों क्रोध कर रहे हो राजा जनक हमारे पिता के समान हैं । विश्वामित्र की आज्ञा पाकर श्रीराम ने धनुष का खंडन कर दिया । धनुष टूटने पर हुई घनघोर गर्जना सुन तपस्या में लीन महर्षि परशुराम की तंद्रा भंग हो गई और वह मिथिलापुरी जा पहुंचे और राजा जनक से धनुष तोड़ने वाले के बारे में पूछते हुए कहा कहु जड़ जनक धनुष कै तोरा । राजा जनक को मौन देख परशु राम जी क्रोधित हो जाते हैं और कहते हैं कि धनुष तोड़ने वाले का नाम बताओ वर्ना अभी अनर्थ हो जाएगा । राम परशुराम को शांत करने का प्रयास करते हैं और कहते हैं कि नाथ शंभु धनु भंजनि हारा,हुइहै कोऊ एक दास तुम्हारा । यह कार्य वहीं कर सकता है । जिस पर आशीष ऋषि-मुनियों का होगा । फिर भी शांत न होने पर लक्ष्मण ने कहा कि बचपन में हमने न जाने कितनी धनुही तोड़ दीं तब ऐसा क्रोध किसी ने नहीं दिखाया । इस धनुष में कौन सी खासियत हो जो इतना गुस्सा दिखा रहे हो । लक्ष्मण के शब्द सुनकर परशुराम का क्रोध अधिक बढ़ जाता है और लक्ष्मण को मारने के लिए दौड़ते हैं । श्रीराम बीच में आ जाते हैं और परशुराम से क्षमा मांगते हैं और कहते हैं कि इनका कोई दोष नहीं है अपराधी तो मैं हूं । दोनों भाइयों के स्वभाव में इतना अंतर देख परशुराम सोच में पड़ जाते हैं और श्री विष्णु भगवान का दिया सारंग धनुष उन्हें थमाते हुए उसकी प्रत्यंचा चढ़ाने को कहते हैं । सारंग धनुष अपने आप श्रीराम के पास चला जाता है और उसकी प्रत्यंचा चढ़ जाती है । भ्रम दूर होने पर महर्षि परशुराम उनसे क्षमा याचना करते हुए तपस्या करने के लिए चले जाते हैं ।
इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह गौतम,अनिल तिवारी,पूर्व प्रधान गणेश दीक्षित,प्रधान प्रतिनिधि नीरज सिंह गौतम,संजय सिंह गौतम,शिवम तिवारी,निर्मल सिंह,कछवाह, तोयज दुबे,मंगल सिंह कछवाह,रिशु मिश्रा,पिंकू पांडेय,आचार्य राम जी पांडेय रहे ।