
बिहार में भी कोरोना संक्रमण तेज़ी से पाँव पसार रहा है । यहाँ तक कि गाँवों में भी लोग संक्रमित होने लगे हैं ।
विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगातार घेर रही है कि महामारी के वक़्त में सरकार कोई ठोस काम नहीं कर रही है ।
राज्य सरकार पर ये आरोप लग रहे हैं कि आँकड़े छुपाए जा रहे हैं । पटना के श्मशान घाटों पर लाशों की लाइन लगी है और परिजनों को अंत्येष्टि के लिए घंटों इंतज़ार करना पड़ रहा है ।
इस बीच पटना नगर निगम ने लाशों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अंत्यष्टि के लिए और नई जगहें बनाई हैं । पटना में बांस घाट, गुलाबी घाट और खजकल्ला घाट तीन श्मशान हैं लेकिन तीनों पर कोविड से हो रही मौतों के कारण लंबी लाइनें लग रही हैं ।
पटना नगर निगम के एडिशनल आयुक्त देवेंद्र प्रसाद तिवारी ने बीबीसी हिन्दी से कहा, ”मृतकों के परिजनों को लंबा इंतज़ार नहीं करना पड़े इसलिए दीघा घाट और नंद घाट पर शवदाह गृह की व्यवस्था की गई है ।”
देवेंद्र प्रसाद तिवारी कहते हैं कि केवल पटना में हर दिन 200 से ज़्यादा लाशें जल रही हैं । हालांकि बिहार सरकार के डेटा के अनुसार बुधवार को कोविड से केवल 84 लोगों की ही मौत हुई थी ।
सरकारी आँकड़ों और श्मशानों पर जलती लाशों के बीच कोई तालमेल नहीं है ये तो केवल श्मशानों की बात हुई । क़ब्रिस्तानों में भी लाशों की लाइन लगी हुई है ।
नीतीश जी, Caseload कम दिखाने के चक्कर में आप बिहार का नुक़सान कर रहे है। वाइरस का चेन बढ़ता जा रहा है।
कम आँकड़ों दिखाने की वजह से केंद्र से ऑक्सीजन, वैक्सीन, इंजेक्शन Remdesivir, O2 Concentrators, वेंटिलेटर इत्यादि अन्य जरूरी सहायता भी नहीं मिल रहा है और आप कुछ बोल भी नहीं रहे।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 28, 2021
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना है कि नीतीश कुमार कोविड महामारी का सच छुपाकर त्रासदी के दायरे को और बढ़ा रहे हैं ।
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, ”संक्रमण गाँव-गाँव फैल चुका है । अब भी अपना अप्रोच बदलिए वरना तबाही का मंज़र साफ़ दिख रहा है । केंद्र से बिहार का वाजिब हक़ मांगिए । हमसे छोटे राज्यों का आवंटन ज़्यादा हो रहा है । अन्य राज्यों का अनुसरण कर देश-विदेश की कंपनियों से संपर्क कर मेडिकल आपूर्ति, वैक्सीन इत्यादि सीधा मंगवाइए ।”
पटना में शवों की अंत्येष्टि के लिए लंबी लाइनें लग रही हैं लेकिन सरकार का आँकड़ा बिल्कुल उलट है । श्मशानों में जितनी लाशें आ रहीं उनसे पता चलता है कि इनका सरकार के आँकड़ों से कोई संबंध नहीं है ।