
ब्राज़ील में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 4 लाख से ज़्यादा हो गई है । अमेरिका के बाद ब्राज़ील में कोरोना से सबसे ज़्यादा लोगों की मौत हुई है ।
पिछले 24 घंटे में ब्राज़ील में 3,001 लोगों की मौत हुई । इससे पहले अप्रैल के शुरू में देश में महामारी चरम सीमा पर थी और तब रोज़ाना 4,000 से ज़्यादा लोग मारे जा रहे थे ।
ब्राज़ील में टीकाकरण की रफ़्तार काफ़ी धीमी है । वहीं देश के राष्ट्रपति ज़ायर बोलसोनारो के रवैये की भी आलोचना हो रही है ।
बोलसोनारो लॉकडाउन और मास्क के विरोध में बोलते रहे हैं और उन्होंने ऐसी दवाओं के इस्तेमाल की बात की थी जिन्हें प्रमाणित नहीं किया गया है ।
देश की संसद ने सरकार की ओर से महामारी को लेकर उठाए गए क़दमों की जाँच शुरू कर दी है ।
कोरोना संक्रमण के देश में बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण नया म्यूटेंट और राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना को रोकने के उपायों में समन्वय की कमी को माना जाता है ।
कई इलाकों में जहां स्वास्थ्य व्यवस्था ढहने की कगार पर पहुंच गई थी वहां पर राज्य और शहरों के प्रशासन ने प्रतिबंध लगाए तो हालात पहले से बेहतर हुए, हालांकि अब इन प्रतिबंधों पर दोबारा ढील दी जा चुकी है ।
‘रुक नहीं रही महामारी’
देश के 90 फ़ीसदी आईसीयू बेड भरे हुए हैं । ब्राज़ील सरकार के स्वास्थ्य संस्थान फ़ियोक्रूज़ के मुताबिक़ हालात अभी भी ‘गंभीर’ बने हुए हैं ।
अपनी एक रिपोर्ट में संस्थान ने कहा कि ‘संक्रमण थोड़ा कम ज़रूर हुआ है लेकिन ये महामारी रुकी नहीं है ।’ साथ ही चेतावनी भी दी कि हर दिन मरने वालों की संख्या आगे भी ज़्यादा ही बनी रह सकती है ।
बीते 37 दिनों में मार्च से अप्रैल के बीच ब्राज़ील में मरने वालों की संख्या 10 लाख रही ये संक्रमण और उससे होने वाली मौत के लिहाज से देश के लिए सबसे बुरा वक्त था ।
कोरोना के संक्रमण से हुई मौत के मामले में अमेरिका सबसे आगे है और दूसरे स्थान पर ब्राज़ील है । अब तक ब्राज़ील में कुल 1 करोड़ 44 लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं ।
इस बीच कुछ शहरों को वैक्सीन की कमी के कारण टीकाकरण योजना को अस्थाई रूप से रोकना पड़ा है । आँकड़ों के मुताबिक़ ब्राज़ील में केवल 13% लोगों को ही वैक्सीन की पहली ख़ुराक़ मिल सकी है ।
ब्राज़ील में कोविड-19 की वजह से बच्चों की इतनी मौतें क्यों हो रही हैं ?
जाँच में क्या हो सकता है ?
मंगलवार को संसदीय आयोग ने बोलसोनारो सरकार की कोविड-19 को रोकने को लेकर प्रतिक्रिया क्या रही इस पर आधिकारिक जांच शुरू कर दी है । इस आयोग के पास शक्ति है कि वह सरकार से ज़रूरी दस्तावेज मांग सकते हैं और लोगों से पूछताछ भी कर सकते हैं । इस जांच की रिपोर्ट प्राधिकरणों को सौंपी जाएगी जो दोषियों पर मुकदमा चला सकेंगे ।
आयोग, सरकार की कई सारी कार्रवाइयों की जांच करेगा जैसे- राष्ट्रपति की ओर से वैक्सीन खरीदने में की गई देरी, लगातार वायरस के प्रभाव को कम बताना, अप्रमाणित दवाओं का प्रचार-प्रसार करना ।
आयोग इस बात का भी विश्लेषण करेगा कि क्या एमेज़ॉन राज्यो में ऑक्सीजन संकट में सरकार लापरवाही कर रही थी, इस साल की शुरूआत में जब एमेजन में बेहद खकरनाक वेरिएंट ने तबाही मचाई को क्या वहां की जनजातियों को कोई सहायता नहीं दी गई,बोलसोनारो के आलोचक इसे ‘नरसंहार’ मानते हैं ।
जांच में राष्ट्रपति के खिलाफ़ महाभियोग चलाया जा सकता है । हालांकि, विश्लेषक इससे इंकार करते है लेकिन वे मानते हैं कि जांच में जो सामने आएगा उससे राष्ट्रपति बोलसोनारो की छवि को गंभीर नुकसान ज़रूर होगा । क्योंकि अगले साल होने वाले चुनाव में बोलसोनारो दोबारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे और इस बार उनके सामने वामपंथी पार्टी जुड़े पूर्व राष्ट्रपति लुई डी सिल्वा हो सकते हैं ।
बोलसोनारो लॉकडाउन के खिलाफ़ ये तर्क देते रहें हैं कि लॉकडाउन से होने वाला आर्थिक नुकसान वायरस से होने वाले नुकसान से कहीं ज्यादा होगा ।
इसके इतर, स्पुतनिक वी वैक्सीन को बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि वह वैक्सीन पर की गई टिप्पणी के लिए ब्राजील के स्वास्थ्य नियामक एविसा पर मानहानि का मुकदमा करेगा । एनविसा ने आयात के लिए वैक्सीन को मंजूरी देने से इंकार कर दिया था साथ ही स्पुतनिक वी को बनाने के तरीके पर चिंताएँ जाहिर की थीं । इसे बनाने वाली कंपनी ने इन चिंताओं को ‘गंभीर आरोप’ बताया है ।
‘मृतकों का आंकड़ा बढ़ने के साथ बोलसोनारो का घटता समर्थन’
साओ पोलो स्थित बीबीसी संवाददाता मार्क लोवेन के मुताबिक मरने वालों के बढ़ते आंकड़े डराने वाले हैं, ये संख्या इतनी ना हुई होती अगर वैक्सीन देश में जल्दी आ जाती और लॉकडाउन लगाया गया होता । लेकिन राष्ट्रपति बोलसोनारो ने कोई कार्रवाई वक्त रहते नहीं की और आज ब्राज़ील 4 लाख मौतों पर मातम मना रहा है ।
देश में 13% लोगों को ही वैक्सीन की पहली खुराक़ मिली है और मात्र 6% लोग ऐसे हैं जिन्हें दोनों ख़ुराकें मिली हैं । वैक्सीन की खरीद में देरी और ढीले रवैये की अब संसद जांच करेगा । बीते साल ब्राज़ील की सरकार ने फ़ाइज़र के 10 मिलियन ख़ुराक के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था । माना जा रहा है कि संसदीय आयोग राष्ट्रपति के खिलाफ़ महाभियोग या उन पर आपराधिक मामलों के तहत कार्रवाई का सुझाव दे सकता है ।
बोलसोनारो ने कई बार धमकी दी कि वह राज्यों में लॉकडाउन रोकने के लिए सेना भेजेंगे, उनके समर्थक कहते हैं कि वैक्सीन को ब्राज़ील के स्वास्थ्य नियामक की मंजूरी नहीं मिली थी इसलिए वैक्सीन पहले नहीं खरीदी जा सकती थी ।
इस महामारी ने ब्राज़ील के राजनैतिक धुव्रीकरण को कम किया है, जैसे-जैसे मरने वालों की संख्या बढ़ रही है वैसे-वैसे बोलसोनारो का समर्थन कम हो रहा है ।