
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए सोमवार को कहा कि यह पहला मौका है जब एक प्रधानमंत्री ने जीत की बधाई देने के लिए फोन नहीं किया है । शायद वे व्यस्त थे ।
चुनावी नतीजों के बाद यहां कालीघाट स्थित आवास पर पहली प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने एक मोबाइल संदेश के हवाले से दावा किया कि नंदीग्राम के रिटर्निंग ऑफिसर ने जान के डर से वोटों की दोबारा गिनती का निर्देश नहीं दिया । लेकिन टीएमसी प्रमुख ने यह नहीं बताया कि आखिर रिटर्निंग ऑफिसर ने किससे यह आशंका जताई थी ।
उन्होंने बीजेपी पर ईवीएम बदलने का आरोप लगाते हुए इस मुद्दे पर अदालत में जाने की बात भी दोहराई ।
ममता का कहना था कि नंदीग्राम में पहले उनको विजयी घोषित कर दिया गया था और राज्यपाल ने उनको जीत की बधाई भी दे दी थी ।
उन्होंने आरोप लगाया कि नतीजों के बाद बीजेपी हताशा में टीएमसी समर्थकों पर हमले कर रही है । उन्होंने चुनाव के दौरान कूचबिहार के एसपी समेत कई पुलिस अधिकारियों पर बीजेपी के पक्ष में काम करने का भी आरोप लगाया ।
टीएमसी प्रमुख ने लोगों से शांति बहाल रखने और संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतने की अपील की है ।
उन्होंने कहा कि कोरोना की परिस्थिति सामान्य होने के बाद पार्टी ब्रिगेड परेड मैदान में विजय रैली आयोजित करेगी । उसमें देश के तमाम नेताओं को न्योता दिया जाएगा ।
चुनाव में कांग्रेस और सीपीएम का सूपड़ा साफ़ होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहतीं कि कोई पार्टी इस तरह साफ़ हो जाए ।
उन्होंने कहा, “हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन बीजेपी के कुछ वोट इन दोनों को मिलते तो बेहतर होता ।”
उन्होंने बताया कि तृणमूल कांग्रेस मुख्यालय में बैठक के दौरान भावी मंत्रिमंडल के स्वरूप और शपथ ग्रहण के बारे में फैसला किया जाएगा ।
ममता ने बताया कि वे आज शाम सात बजे राज्यपाल से मुलाकात करेंगी । उस बैठक के दौरान सरकार के गठन पर चर्चा होने की संभावना है ।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के पत्रकारों को कोरोना वॉरियर का दर्जा भी दिया ।