
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने देश के कुछ समाचारपत्रों में बंगाल हिंसा को लेकर छपी ख़बरों पर संज्ञान लिया है ।
देश के विभिन्न अख़बारों में बंगाल हिंसा पर ख़बरें प्रकाशित हुईं जिनमें दावा किया गया है कि चुनाव नतीजे आने के बाद 3 मई को पश्चिम बंगाल में भड़की हिंसा में कुछ लोगों की मौत हुई है ।
राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर कथित तौर पर हमले किये, पार्टी कार्यालयों में तोड़-फोड़ की गई और लूटपाट भी की गई । बावजूद इसके ज़िला प्रशासन और स्थानीय क़ानून और व्यवस्था के लिए ज़िम्मेदार एजेंसियों ने लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कुछ भी नहीं किया ।
निर्दोष नागरिकों के ‘जीने के अधिकार’ का उल्लंघन हुआ है और इसे ध्यान में रखते हुए आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है और राज्य के डीआईजी से जांच विभाग के अधिकारियों की एक टीम का गठन करने का अनुरोध किया है । जो तथ्यों की जांच करके रिपोर्ट तैयार करे और जल्द से जल्द दो सप्ताह के भीतर जमा करे..