
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ़ अल्वी ने कहा है कि सेना की राजनीति में कोई भूमिका नहीं है और ये संविधान में स्पष्ट है ।
अल्वी ने पाकिस्तान के एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि सेना प्रमुख ने सेना की भूमिका को लेकर हाल में जो कुछ कहा है उससे वो पूरी तरह सहमत हैं ।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने कहा था कि जत्थों को आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी ।
राष्ट्रपति अल्वी ने कहा,
“बिल्कुल सही इसके अलावा उन्हें कुछ कहना भी नहीं चाहिए । सेना प्रमुख के शब्द बिल्कुल संवैधानिक हैं ।”
ये पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तानी सेना तटस्थ है? आरिफ़ ने कहा,
“उनको होना ही चाहिए । सियासत के अंदर पाकिस्तान के संविधान में उसकी कोई भूमिका नहीं है ।”
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पिछले दिनों कहा था कि पाकिस्तान की फौज को तटस्थ नहीं रहना चाहिए तो क्या आप इमरान ख़ान से सहमत नहीं हैं ।
राष्ट्रपति अल्वी ने कहा,
“ये तो आप ख़ान साहब से पूछिए कि उनका क्या मतलब था । वो आपको बेहतर बता सकते हैं कि उनका कहने का क्या मतलब था । मैं उनका वकील नहीं हूँ । बेशक, वो मेरे नेता थे और हैं । राष्ट्रपति पद के लिए उन्होंने ही मुझे नॉमिनेट किया था । इमरान ख़ान के साथ मैंने 22 साल तक राजनीतिक संघर्ष किया है ।”
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के बीच नफ़रत का माहौल नहीं होना चाहिए ।
उन्होंने कहा,
“नफ़रत इस कदर नहीं होनी चाहिए कि कौम भुगते । अभी मुल्क के अंदर बहुत सारे मुद्दे हैं और मेरी कोशिश है कि राजनीतिक दलों के बीच बातचीत हो ।