
फतेहपुर । खालसा पंथ का स्थापना दिवस समारोह बड़े धूमधाम से मनाया गया ।
गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा फतेहपुर के ज्ञानी परमजीत सिंह जी ने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह ने अपने पिता गुरु तेग बहादुर के बाद मुगल सम्राट औरंगजेब के इस्लामी शरीयत शासन के दौरान खालसा परंपरा शुरू की थी । गुरु गोबिंद सिंह ने धार्मिक उत्पीड़न से निर्दोषों की रक्षा करने के कर्तव्य के साथ खालसा को एक योद्धा के रूप में बनाया और शुरू किया ।
खालसा की स्थापना ने सिख परंपरा में एक नया चरण शुरू किया । इसने खालसा के लिए एक दीक्षा समारोह (अमृत संस्कार,अमृत समारोह) और आचरण के नियम तैयार किए योद्धा की । इसने सिखों के लौकिक नेतृत्व के लिए एक नई संस्था का निर्माण किया । जिसने पहले की मसंद प्रणाली को बदल दिया । इसके अतिरिक्त,खालसा ने सिख समुदाय के लिए एक राजनीतिक और धार्मिक दृष्टि प्रदान की ।
दीक्षा लेने पर,एक खालसा सिख को सिंह (पुरुष) का अर्थ “शेर” और कौर (महिला) का अर्थ “राजकुमारी” दिया जाता है । जीवन के नियमों में एक व्यवहार संहिता शामिल है जिसे राहित कहा जाता है । कुछ नियम हैं तंबाकू नही,नशा नहीं ,व्यभिचार नहीं,कुठा मांस नहीं,शरीर पर बालों का संशोधन नही,1699 में ,सिख धर्म के दसवें गुरु,गुरु गोबिंद सिंह ने सिखों को 13 अप्रैल 1699 को वार्षिक फसल उत्सव वैसाखी के दिन श्री आनंदपुर साहिब में इकट्ठा होने के लिए कहा ।
गुरु गोबिंद सिंह ने एक पहाड़ी पर तम्बू के प्रवेश द्वार से मण्डली को संबोधित किया,जिसे अब श्री केसगढ़ साहिब कहा जाता है । उन्होंने सिख परंपरा के अनुसार अपनी तलवार खींची,और फिर इकट्ठा हुए लोगों में से एक स्वयंसेवक के लिए कहा,जो अपना सिर बलिदान करने को तैयार हो । एक आगे आया,जिसे वह एक तंबू के भीतर ले गया । गुरु बिना स्वयंसेवक के भीड़ में लौट आए,लेकिन एक खूनी तलवार के साथ ।
उसने एक और स्वयंसेवक के लिए कहा और तम्बू से बिना किसी के और खून से सनी तलवार के साथ चार बार लौटने की इसी प्रक्रिया को दोहराया । पाँचवाँ स्वयंसेवक उनके साथ तंबू में जाने के बाद, गुरु पाँचों स्वयंसेवकों के साथ वापस आ गए,सभी सुरक्षित थे । बल्कि गुरु ने 5 बकरों का वध किया था जिससे खून निकला था ।
उन्होंने स्वयंसेवकों को पंज प्यारे और सिख परंपरा में पहला खालसा कहा ।
ये पांच स्वयंसेवक थे: दया राम (भाई दया सिंह),धरम दास (भाई धरम सिंह),हिम्मत राय (भाई हिम्मत सिंह),मोहकम चंद (भाई मोहकम सिंह),और साहिब चंद (भाई साहिब सिंह ) है ये सारा कार्यक्रम गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान पपिंदर सिंह की अगुवाई में मनाया गया ।
आज गुरुद्वारा में लाभ सिंह,परमिंदर सिंह,कुलजीत सिंह सोनू ,वरिंदर सिंह ,गुरमीत सिंह, सिमरन सिंह,कुलजीत सिंह व महिलाओं में जसवीर कौर,हरविन्दर कौर,हरजीत कौर,प्रीतम कौर,मंजीत कौर,गुरप्रीत कौर,खुशी,सिमरन कौर,हरमीत कौर आदि भक्तजन उपस्थित रहे ।