
अशोकनगर । मध्यप्रदेश में विकास की बात करने वाली भाजपा सरकार की पोल खोलती तस्वीर अशोकनगर जिले से सामने आई है । यहां जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर तुमैन गांव में एक टापू पर बनी बस्ती से स्कूली बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर त्रिवेणी नदी पर बने लकड़ी और रस्सी के अस्थाई पुल से गुजर रहे हैं । इनके अलावा बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए भी ये पुल एक मात्र सहारा है ।
बता दें कि अस्थाई पुल तुमैन गांव से निकलने वाली त्रिवेणी नदी के ऊपर बनाया गया है । बारिश के मौसम में त्रिवेणी नदी उफान पर होती है,तो इस लकड़ी के पुल तक पानी पहुंच जाता है । इसके कारण स्कूल से आने जाने वाले बच्चों एवं ग्रामीणों के साथ कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है । इसको लेकर ग्रामीण कई बार प्रशासन से पुल बनाने की मांग कर चुके हैं । लेकिन अभी तक प्रशासन की कान पर जूं नहीं रेंगी है ।
लकड़ी के पुल से स्कूल जाना हमारी मजबूरी :
स्कूली बच्चों ने बताया कि, ”स्कूल तक जाने के लिए हमारी बस्ती से एक और रास्ता है जिसमें काफी कीचड़ और 5 किलोमीटर लंबा पड़ता है । जिसके कारण यह लकड़ी का अस्थाई पुल बनाया गया है । इससे होकर हम लोग स्कूल समय पर पहुंच जाते हैं । हालांकि इस पुल से निकलने पर हम लोगों को डर जरूर लगता है । एक बार तो हम पानी में भी गिर गए थे और हमारे स्कूल बैग में पानी चला गया था और किताबें भी भीग गई थीं ।”
बच्चों ने कहा कि “इस पुल से निकलना अब हमारी मजबूरी बन गया है । जब नदी में पानी अधिक होता है तो हम स्कूल नहीं जाते हैं, जिसके कारण हमारी पढ़ाई का बड़ा नुकसान होता है ।”
सड़ चुकी हैं पुल की लकड़ियां :
वहीं, बस्ती के लोगों ने बताया कि, ”5 किलोमीटर का चक्कर बचाने के लिए इस पुल को बनाया गया है । हालांकि बारिश का मौसम है । नदी में ज्यादा पानी आ जाता है, जिससे पुल को क्रॉस करने में काफी दिक्कत होती है ।”
उन्होंने कहा कि, ”पुल की लकड़ियां भी सड़ चुकी हैं, समय मिलते ही अब हम लोग पुल की रिपेयरिंग भी करेंगे ।” ग्रामीणों ने बताया कि, ”पहले भी पंचायत में इस मामले की शिकायत भी की जा चुकी है । लेकिन आज तक किसी भी तरह का पुल निर्माण नहीं हो सका । इसलिए मजबूरी वश बच्चों को जान हथेली पर लेकर स्कूल से निकलने के लिए मजबूर होना पड़ता है ।”
पुल बनाने के लिए पंचायत को भेजा प्रस्ताव :
वहीं, लकड़ी के अस्थाई पुल को लेकर गांव के सरपंच राम सिंह का कहना है कि, ”मैं 1 साल पहले सरपंच बना हूं. 6 महीने पहले ही इस पुल के लिए पंचायत को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं की गई । जैसे ही स्वीकृति मिलती है पुल का कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा ।”