
पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली ने एक प्रस्ताव पारित कर ये मांग की है कि फ्रांसीसी राजदूत को देश से निकाले जाने के मुद्दे पर ज़रूर बहस की जानी चाहिए ।
प्रस्ताव में ये कहा गया है कि सभी यूरोपीय देशों ख़ासकर फ्रांस को पैगंबर मोहम्मद के आदर से जुड़ी संवेदनशीलता के बारे में बताया जाना चाहिए ।
पाकिस्तान को अन्य मुस्लिम देशों को साथ लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इस बारे में बातचीत करनी चाहिए ।
प्रस्ताव में ये कहा गया है कि चार्ली हेब्दो ने जो अपमानजनक तस्वीर प्रकाशित की थी, उससे मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई हैं, इसीलिए ये मांग की जा रही है ।
हालांकि इस प्रस्ताव में ये भी साफ़ किया गया है कि विदेश नीति से जुड़े मामले केवल सरकार के स्तर पर ही निपटाएं जाएं और किसी व्यक्ति और समूह को इसे लेकर सरकार पर दबाव नहीं डालना चाहिए ।
ये भी स्पष्ट किया गया है कि यह प्रस्ताव केवल नेशनल एसेंबली की भावना है और इमरान ख़ान की सरकार इसे मानने के लिए बाध्य नहीं है ।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलवी साद रिज़वी की मांग पर लाए गए इस प्रस्ताव पर हुई बहस में हिस्सा नहीं लिया ।