
बकेवर/फतेहपुर । बकेवर कस्बे के लटेश्वर धाम में श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस में व्यास राजेश अवस्थी ने कथा सुने की पार्वती जी ने शंकर जी से निवेदन किया कि मुझे भी वह अमर कथा सुनाइए शंकर जी पार्वती जी को अमर कथा सुनाने लगे ।
शिव-पार्वती के अलावा सिर्फ एक तोते का अंडा था जो कथा के प्रभाव से फूट गया । उसमें से श्री सुखदेव जी का प्राकट्य हुआ कथा सुनते सुनते पार्वती जी सो गई वह पूरी कथा श्री सुखदेव जी ने सुनी और अमर हो गए शंकर जी सुखदेव जी के पीछे उन्हें मृत्युदंड देने के लिए दौड़े । सुखदेव जी भागते भागते व्यास जी के आश्रम में पहुंचे और उनकी पत्नी के मुंह से गर्भ में प्रविष्ट हो गए । 12 वर्ष बाद श्री सुखदेव जी गर्व से बाहर आए इस तरह श्री सुखदेव जी का जन्म हुआ ।
कथा व्यास जी ने बताया कि भगवान की कथा विचार,वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है । राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं किंतु भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं ।
कथा व्यास जी ने कहा कि भागवत के चार अक्षर इसका तात्पर्य यह है कि भा से भक्ति,ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त त्याग जो हमारे जीवन में प्रदान करे उसे हम भागवत कहते है । इसके साथ साथ भागवत के छह प्रश्न,निष्काम भक्ति, 24 अवतार श्री नारद जी का पूर्व जन्म,परीक्षित जन्म, कुन्ती देवी के सुख के अवसर में भी विपत्ति की याचना करती है । क्यों कि दुख में ही तो गोविन्द का दर्शन होता है । जीवन की अन्तिम बेला में दादा भीष्म गोपाल का दर्शन करते हुये अद्भुत देह त्याग का वर्णन किया ।
साथ साथ परीक्षित को श्राप कैसे लगा तथा भगवान श्री शुकदेव उन्हे मुक्ति प्रदान करने के लिये कैसे प्रगट हुये इत्यादि कथाओं का भावपूर्ण वर्णन किया । साथ ही श्रीमद् भागवत तो दिव्य कल्पतरु है यह अर्थ,धर्म,काम के साथ साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीव को परम पद प्राप्त कराता है ।
उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत केवल पुस्तक नही साक्षात श्रीकृष्ण स्वरुप है । इसके एक एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाये हुये है ।
उन्होंने कहा कि कथा सुनना समस्त दान,व्रत,तीर्थ, पुण्यादि कर्मो से बढ़कर है । कथा सुनकर पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर हो गए । कथा के मध्य में मेरी लगी श्याम संग प्रीत और मां की ममता के महत्व का भजन सुनकर भक्त आत्म भिभोर हो गये ।
इस मौके पर दिनेश मिश्रा,नीरज तिवारी,ओम प्रकाश,रजोल तिवारी, व्यवस्थापक शिवकरण निषाद आदि लोग मौजूद रहे ।