
ग्वालियर/श्योपुर । कूनो नेशनल पार्क की मॉनिटरिंग टीम को चीता शौर्य अचेत अवस्था में मिला था । इसकी मौत कैसे और किस वजह से हुई,इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा ।
बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में अब तक 10 चीतों की मौत हो चुकी है । इनमें से 7 चीते हैं और 3 शावक हैं । ये मरने वाला दसवां चीता है प्रोजेक्ट के निदेशक ने जानकारी दी कि 16 जनवरी को दोपहर करीब 3 बजे नामीबियाई चीता शौर्य की मौत हो गई ।
अभी कूनो में कितने चीते
कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में अब 13 वयस्क और 4 शावक चीता मौजूद हैं । इनमें नर चीते गौरव, वायु, अग्नि, पवन, प्रभाष और पावक शामिल हैं । वहीं 7 मादा चीतों में आशा,गामिनी,नाभा, धीरा, ज्वाला, निरवा और वीरा शामिल हैं । कूनो में सबसे पहले 26 मार्च को मादा चीता आशा की मौत हुई थी । आशा की मौत का कारण किडनी में इन्फेक्शन होना बताया गया था । इसके बाद 23 अप्रैल को नर चीते उदय की मौत हुई । इसकी पीएम रिपोर्ट में बताया गया था कि उदय की मौत कार्डिया के आर्टरी फेल होने से हुई है ।
अप्रैल के बाद इन चीतों की मौत
इसके बाद 9 मई को दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाई गई मादा चीता दक्ष की मौत हुई,जिसका कारण बताया गया कि मेटिंग के दौरान ही दोनों में हिंसक भिड़ंत हुई । मेल चीते के पंजा मारने से दक्ष घायल हो गया । जिसके बाद उसकी मौत हो गई । इसके बाद 23 में 2023 को ज्वाला के सावन की मौत हुई और दो दिन बाद ही ज्वाला के दो और शावकों की मौत हो गई । इनकी वजह अधिक तापमान और ल्यूक चलते तबीयत खराब होने की बात सामने आई थी । इसके बाद 11 जुलाई को तेजस की मौत हुई,जिसकी वजह चीतों के आपसी संघर्ष बताया गया 14 जुलाई को नर्चिता सूरज की मौत हुई । इसकी मौत का कारण भी आपसी संघर्ष बताया गया और 2 अगस्त को मादा चीता धात्री की मौत हुई इसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इंफेक्शन से मौत होना बताया गया ।
आशा ने जन्मे 3 शावक
गौरतलब है कि इसके पहले नामीबिया से लाई गई मादा चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया है । इसके बाद से पूरे पालपुर कूनो में चीता प्रोजेक्ट से जुड़े सभी लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी । नन्हे मेहमानों के इस दुनिया में आने की सूचना केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर शेयर की थी । अपनी एक्स पोस्ट पर केंद्रीय मंत्री यादव ने लिखा था कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कूनो नेशनल पार्क ने तीन नए सदस्यों का स्वागत किया है । शावकों का जन्म नामीबियाई चीता आशा से हुआ है उन्होंने इसे देश में शुरू किए गए चीता प्रोजेक्ट की बड़ी सफलता बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई भी दी थी ।