
– तिरंगे के साथ भारत माता की जय,शैलेन्द्र कुमार अमर रहे के गगन भेदी नारो के साथ निकाली गई शव यात्रा
– जिलाधिकारी राकेश कुमार, राज्यमंत्री अजीत पाल,आई जी सीआरपीएफ सतपाल रावत, डीआईजी ए पी सिंह सहित सेना व पुलिस अधिकारी रहे मौजूद
कानपुर । छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर बॉर्डर पर रविवार को नक्सली हमले में कानपुर के नौगवां गौतम गांव निवासी शैलेंद्र कुमार शहीद हो गए । मंगलवार को शहीद जवान का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव पहुंचा, पूरा माहौल गमगीन हो गया है हजारों की संख्या में लोगों ने तिरंगे के साथ शहीद की शव यात्रा निकाली और भारत माता की जय के नारे लगाए ।
इस मौके पर जिलाधिकारी कानपुर राकेश कुमार सिंह ,राज्यमंत्री अजीत पाल आईजी सीआरपीएफ सतपाल रावत डीआईजी सीआरपी एफ एसपी सिंह व सेना के अधिकारी समेत पुलिस के आलाधिकारी भी मौजूद रहे । वही शहीद के अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए । शहीद जवान को गांव में ही राजकीय सम्मान के साथ सलामी देते हुए अंतिम विदाई दी गई । इस दौरान शैलेंद्र कुमार अमर रहे के नारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया ।
वहीं जनप्रतिनिधियों समेत डीएम,एडीएम एफआर,एसडीएम व पुलिस के अधिकारियों द्वारा भी पुष्पांजलि अर्पित की गई । इसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया ।
वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर के माध्यम से छत्तीसगढ़ में कर्तव्य पालन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए जनपद कानपुर नगर निवासी सीआरपीएफ जवान शैलेंद्र को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है तथा उन्होंने शहीद सैनिक के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करने के साथ ही जनपद की एक सड़क का नामकरण शहीद शैलेंद्र के नाम पर करने की घोषणा की है ।
सीएम ने शहीद जवान के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि शोक की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार उनके साथ है । शहीद के परिवार को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी । जैसे ही रविवार की शाम को शैलेंद्र की शहीद होने की खबर मां बिजला को हुई वह फफक कर रोने लगी, बेटे को हमेशा खो देने वाली बूढ़ी मां की चीखें हर किसी के कलेजे को चीर दें रही थीं । वह रोते हुए कह रही थीं,…जिगर का टुकड़ा नहीं परिवार का पालनहार चला गया । वहीं परिवार जनों ने बताया कि सीआरपीएफ (CRPF) में जाने की जब शैलेंद्र तैयारी कर रहे थे । उसी दौरान गांव के युवाओं को भी पढ़ाते थे । शैलेंद्र हमेशा समय के सदुपयोग पर फोकस रखते थे । वह कहते थे कि आज काम टाला तो कल भी टल जाएगा । इसलिए टालने की आदत नहीं होनी चाहिए ।
वह सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग करने के पक्ष में रहे शैलेंद्र का विवाह बीते 7 मार्च को सचेंडी थाना क्षेत्र के पेट्टापुर गांव निवासी कोमल के साथ हुआ था । शैलेंद्र के घर मे माता बिजला देवी व बड़े भाई नीरज अपनी पत्नी काजल के साथ रहते हैं । शैलेंद्र तीन भाइयों में सबसे छोटा था । शैलेंद्र के पिता की मौत एक सड़क हादसे में 28 साल पहले हो गई थी । वहीं शैलेंद्र के बड़े भाई सुशील की भी चार साल पहले सांप के काटने से मौत हो गई थी तथा एक बहन जिसकी शादी हो चुकी है शैलेंद्र ने शुरुआती शिक्षा सिकटिया गांव के दौलत सिंह इंटर कॉलेज से की थी तथा इंटरमीडिएट प्रेमपुर जन शिक्षण इंटर कॉलेज से करने के बाद स्नातक की पढ़ाई महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज करचलपुर फतेहपर से की थी ।
शैलेंद्र ने बचपन से ही संघर्ष किया था । परिजनों ने बताया कि शैलेंद्र विवाह के समय ही घर आए थे । इसके बाद गुरुवार को अपनी मां से वायदा किया था कि 10 से 15 दिन में वह गांव आ रहे हैं । वही मंगलवार की सुबह उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान और जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह शहीद शैलेंद्र कुमार के पैतृक गांव नौगवां गौतम पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की ।
उन्होंने शहीद के पत्नी को 35 लाख व मां को 15 लाख की चेक सौंपा । कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने कहा कि शैलेंद्र देश का वीर सपूत था जो नक्सलियों के हमले में शहीद हो गया । उन्होंने शासन द्वारा हर संभव मदद का आश्वासन दिया ।
मिली जानकारी के मुताबिक अनुसार छत्तीसगढ़ के स्थित सुकमा के तिम्मापुर के पास नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर जवानों के लिए राशन ले जा रहे ट्रक को उड़ा दिया । इसमें दो जवान शहीद हो गए ।
बता दें कि रविवार को दोपहर 3 बजे जैसे ही ट्रक सिलगेर पार करते हुए करीब ढाई किलोमीटर आगे बढ़ा फो नक्सलियों ने बम ब्लास्ट के दिया । इसकी चपेट में आने से सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के दो जवान शहीद हो गए ।
बता दें कि जनपद कानपुर नगर के नौगवां गौतम गांव निवासी शैलेंद्र कुमार पुत्र स्व. मुन्नालाल जो कि 2017 में सीआरपीएफ (CRPF) में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे रविवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर सीमा पर नक्सलियों ने हमला कर दिया । इस घटना में ट्रक चालक विष्णु राय व सह चालक शैलेंद्र कुमार दोनों मौके पर ही शहीद हो गए विस्फोट इतना जबरजस्त था कि ट्रक के परखच्चे उड़ गए आए इसमें लदा राशन भी बिखर गया । अनुमान लगाया जा रहा है कि नक्सलियों ने कच्ची सड़क में काफी पहले ही करीब 50 किलो की IED बारूद दबा रखा था ।
बताया जा रहा है कि ये जवान ट्रक से राशन लेकर जा रहे थे व मंगलवार को शहीद जवान का पार्थिव शरीर जब उसके पैतृक गांव नौगवां गौतम पहुंचा तो बटालियन के पदाधिकारी सतपाल रावत आईजी सीआरपीएफ,एसपी सिंह डीआईजी सीआरपीएफ,राकेश कुमार सिंह जिलाधिकारी ,श्रवण कुमार सिंह डीसीपी पूर्वी, राजेश कुमार एडीएम एफआर, ऋषभ वर्मा एसडीएम नरवल, पुलिस प्रशासनिक सहित अमिताभ बाजपेई विधायक,मो. हसन रूमी विधायक, मुनीन्द्र शुक्ला पूर्व विधायक, राकेश तिवारी प्रतिनिधि विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें राजकीय सम्मान के साथ गार्ड आफ आनर दिया गया ।