
फतेहपुर । प्रदेश के कुछ जिलों में वर्षा अति वर्षा हेतु जिला प्रशासन ने चेताया है ।
यह जानकारी देते हुए अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) अविनाश त्रिपाठी ने अवगत कराया है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग IMD (आई.एम.डी.) लखनऊ ने प्रदेश के कतिपय जनपदों में वर्षा/अतिवृष्टि की सम्भावना व्यक्त किया है जिनमें फतेहपुर में 11 जुलाई से 12 जुलाई 2024 के मध्य येलो एलर्ट तथा 12 जुलाई से 13 जुलाई 2024 के मध्य ओरेंज एलर्ट जोन में है । जिसमें मेघ गर्जन ,तड़ित झंझावात एवं भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है । वर्तमान में जनपद में वर्षा के साथ-साथ आकाशीय विद्युत भी गिर रही है । अतः आकाशीय विद्युत से बचाव के संबंध में “क्या करें, क्या न करें” एडवाइजरी को सोशल मीडिया, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से निः शुल्क प्रचार-प्रसार कराया जाना है ।
जिसका विवरण निम्नवत् है –
एडवाइजरी
आंधी-तूफान और भारी वर्षा के दौरान ऊँची इमारतों,पेड़ों, मनुष्यों, जानवरों आदि पर बिजली गिरने की घटनाएँ होती रहती हैं । जिससे जान-माल का नुकसान होता हैं । सावधानी और तैयारी ही एकमात्र तरीका है जिसके द्वारा वज्रपात के खतरे को कम किया जा सकता है या उसके प्रभाव से बचा जा सकता है ।
क्या करें
यदि आप खुले में हो तो अतिशीघ्र किसी पक्के मकान में शरण लें ।
सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहे । खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे एवं छत से दूर रहे ।
ऐसी वस्तुएं, जो बिजली की सुचालक हैं, उनसे दूर रहे ।
बिजली के उपकरणों या तार के साथ संपर्क से बच्चे व बिजली के उपकरणों को बिजली के संपर्क से हटा दें । तालाब और जलाशयों से भी दूरी बनाये रखें । समूह में न खड़े हो । बल्कि अलग-अलग खड़े रहे । यदि आप जंगल में हो तो बोने एवं घने पेड़ों के शरण में चले जायें ।
बाहर रहने पर धातु से बनी यस्तुओं का उपयोग न करें ।
बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें । धातु से बने कृषि यंत्र डंडा आदि से अपने को दूर कर दें । आसमानी बिजली के झटके से घायल होने पर पीडित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र लें जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए । स्थानीय रेडियों अन्य संचार साधनों से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहें । गूगल प्ले स्टोर से दामिनी एप डाउन कर लें और मौसम खराब होने पर एप से किस क्षेत्र में आकाशीय विधुत की घटनाएं हो सकती है उसकी जानकारी खुद प्राप्त करें और दूसरों को भी जानकारी दें । यदि आप खेत खलिहान में काम कर रहे हो और किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पायें हो तो
जहां हैं । वही रहें, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें से जैसे लकड़ी,प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें ।
दोनो पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनों हाथों से कानों को बंद कर अपने सिर को जमीन की तरफ यथा संभव शरीर को झुका ले तथा सिर को जमीन से न सटाए ।
क्या न करें
ऊंचे इमारत वाले क्षेत्रों में शरण नहीं लें । खिड़कियों,दरवाजे,बरामदे के समीप तथा छत पर न जायें ।
जमीन पर कदापि न लेटें । तालाब एवं जलाशय (नदी/तालाब/पोखरा/नहर आदि) के समीप न जाये । तालाब एवं जलाशय (नदी /तालाब/पोखरा/नहर आदि) के समीप न जाये । साथ ही बिजली एवं टेलीफोन के खंभों के नीचे कदापि शरण नहीं लें,क्योंकि ऊंचे वृक्ष, ऊंची इमारते एवं टेलीफोन/बिजली के खम्भे आसमानी बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते हैं । पैदल जा रहे हो तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें । यदि घर में हों तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुए ।
वज्रपात के बाद
घर के अंदर तब तक रहें जब तक कि आसमान साफ न हो जाए । स्थानीय प्रशासन को क्षति और मृत्यु की जानकारी दें । अगर कोई व्यक्ति वज्रपात की चपेट में आ गया है,तो तुरंत 112 पर कॉल करें और यथाशीघ्घ्र पीड़ित को अस्पताल ले जाएं । आग लगने की स्थिति में 112 पर कॉल करें ।
प्राथमिक चिकित्सा
वज्रपात के मामले में मृत्यु का तात्कालिक कारण हृदयाघात है । अगर जरूरी हो तो “संजीवन क्रिया,प्राथमिक चिकित्सा” प्रारम्भ कर दें ।
“संजीवन क्रिया,प्राथमिक चिकित्सा” सच्चा देने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि प्रभावित व्यक्त्ति के शरीर से विद्युत का प्रभाव न हो रहा हो ।
यह सुनिश्चित कर ले कि पीड़ित की नाड़ी एवं श्वास चल रही हो ।
मिथक और सच्चाई
मिथक-वज्रपात कभी भी एक ही जगह/स्थान पर दो बार नहीं होता । सत्य-ऊँची इमारतें व ऊँचे अकेले पेड़ पर वज्रपात एक से अधिक बार हो सकता है । मिथक-वज्रपात प्रभावित व्यक्ति विद्युतीकृत होता है । यदि आप उन्हें छूते हैं, तो आपको करंट लग जाएगा । सत्य-मानव शरीर विद्युत आवेश को संचित नहीं करता है । अतः प्रभावित व्यक्ति के शरीर को स्पर्श करना पूरी तरह से सुरक्षित है ।